शिक्षक का दर्द
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
कविता बहार के मंच पर प्रसारित प्रतियोगिता में प्रतिभागिता हेतु “गुलाब” विषय पर कविताएं आमंत्रित थीं। मैं अपनी कविता इस संदर्भ में अग्रसारित कर रहा हूं। इसका शीर्षक है -“गुलाब नहीं है पुष्प आज”। इसमें गुलाब के विभिन्न स्वरूपों का वर्णन है – ये प्रेम का प्रतीक है, मेहनत का प्रतीक है, दोस्ती का प्रतीक है, कोमलता का प्रतीक है….। इन सब की ओर इशारा करती मेरी कविता निर्धारित तिथि 23 सितंबर 2021 से पूर्व प्रेषित है। आशा है संज्ञान लिया जाएगा। धन्यवाद।
गणेश चतुर्थी के पावन पर्व पर समर्पित गजानन आराधना
गुलाब की अभिलाषा का वर्णन कविता के माध्यम से किया गया है।
शिक्षक का गुणगान कविता के माध्यम से किया गया है।