प्रकृति से खिलवाड़ पर्यावरण असंतुलन-तबरेज़ अहमद

पर्यावरण संकट

प्रकृति से खिलवाड़ पर्यावरण असंतुलन शज़र के शाखो पर परिंदा डरा डरा सा लगता है।ऐसी भी क्या तरक्की हुई है मेरे मुल्क में।कई शज़र के शाखाओं को काटकर और कई शज़र को उजाड़ कर शहर का शहर बसा लगता है।इन पर्यावरण को उजाड़ कर शहर बसा लगता है।फिर भी कहा दिल लगता है।कभी प्रकृति की … Read more

सर्वधर्म सार तत्व (दोहे)

सर्वधर्म सार तत्व (दोहे) बाइबिल नीतिवचननीतिवचन से सीख लें, मोल महत्तम माप।बुद्धि स्वर्ण से उच्च है, सच पतरस की नाप।। बुद्धिबुद्धि क्षेत्र परिमाप को, दें इतना विस्तार।चाँदा घूमें नापने, जोड़ करें साकार।। यहोवाजन्म यहोवा को दिया, मरियम तारनहार।येरुशलम भूभाग पर, चरणी में अवतार।।कुरान आयतेंअरज आयतें मानिए, कहता कर्म कुरान।मानवता का पाठ है, नियत रखें ईमान।। … Read more

रामायण के पात्रों पर दोहा / ओमकार साहू

Jai Sri Ram kavitabahar

  ये सभी रामायण महाकाव्य के वे एक पात्र थे, जो प्रतिपल सीख का संदेश देते हैं।

भोर वंदन- नवनिर्माण करें

भोर वंदन-नवनिर्माण करें ====लावणी छन्दगीत 16,14 पदांत 2==== सत्य सर्वदा अपनाएँ हम, न्योछावर निज प्राण करें।…राम राज्य आधार शिला ले,आओ नवनिर्माण करें।।… सत्य विकल तो हो सकता है, नहीं पराजय अंत मिले।झूठी चादर ओढ़े कलयुग, जयचंदों सह संत मिले।।कुपित मौलवी और पादरी, भ्रष्टाचारी पंत मिले।विषमय रक्त प्रवाहित होता, दंश मनुज के दंत मिले।। उदाहरण हम … Read more

सड़क पर कविता

सड़क पर कविता है करारा सा तमाचा, भारती के गाल पर।…रो रही है आज सड़कें, दुर्दशा के हाल पर।।… भ्रष्टता को देख लगता, हम हुए आज़ाद क्यूँ?आम जनता की कमाई, मुफ्त में बरबाद क्यूँ?सात दशकों से प्रजा की, एक ही फरियाद क्यूँ?नोट के बिस्तर सजाकर, सो रहे दामाद क्यूँ?चोर पहरेदार बैठे, देश के टकसाल पर…रो … Read more