मुखौटा पर कविता

मुखौटा पर कविता हां!मैं मुखौटा।मेरी ओट मेंमुंह जो होता।अंदर से रोकरबाहर हंसाता भी हूं।कभी कभीहोली के हुड़दंग में,बच्चों कोडराता भी हूं।मैंछुपा लेता हूं।मुखड़े की मक्कारियां।आंखों की होश्यारियां।और दिल की उद्गारियां।।दो मुंहे सांपों काएक चेहरामेरा ही तो है।मैं हीसामने वालीनजरों के लिएधोखा हूं।और खुद सामने वाले की नज़रो सेबचने का मौका हूं।हां..हां मैं ही मुखौटा हूं।। … Read more

संगीत और जीवन आपस में हैं जुड़ें

संगीत और जीवन आपस में हैं जुड़ें कभी सुनो धड़कन की आवाज।कभी सांसों में ,वो बजता साजजीवन संगीत की मधुर आवाज। कभी अधरों पर आई हंसी हो।कभी बोली मैं आई मिठास हो।सब जीवन संगीत का मधुर राग। कभी शिशु की मधुर किलकारियों में।कभी आंखों से बहते अश्कों धारों में।जीवन संगीत के सारे स्वर मिल जाते।सभी … Read more

खिले जो फूल बहारों के चमन हुआ रोशन – अनिल कुमार गुप्ता अंजुम

इस कविता में जिन्दगी के खुशनुमा पहलुओं को महसूस करने का प्रयास किया गया है |
खिले जो फूल बहारों के , चमन हुआ रोशन – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम “

बुजुर्गों के सम्मान पर कविता

बुजुर्गों के सम्मान पर कविता बुजुर्ग, परिवार-आधार-स्तंभ, इनका करो सम्मान, करो सेवा सहृदय से, इनका मत करो अपमान। करो सत्कार बुजुर्गों पर ,रोको इन पर अत्याचार, बड़ा खुशनसीब है वो जिसे मिला, बुजुर्गों का प्यार। परोपकार का हमको देते ये ज्ञान, बुजुर्गों का हमेशा करो सम्मान। अब बुजुर्ग हो गया कमजोर और लाचार, बहुत खुशनसीब … Read more

जीवन में संगीत ही आधार है

जीवन में संगीत ही आधार है संगीत से ही जुडा़ जीवन,जीवन में संगीत ही आधार है । मां की लोरी में पाया संगीत की झंकार है।पापा के गीतों में पाया खुशियां अपार है । बारिश की कल कल बूंदो मेंआती संगीत की बयार है ।कलियों की खिलने मेंभंवरे करते संगीतमय मनुहार है । कोयल का … Read more