Blog

  • जो तुमसे हो गया है प्यार

    जो तुमसे हो गया है प्यार

    जिंदगी हर बार आती नहीं ,
    यादों में आकर तुम जाती नहीं ।
    तुम ना कर जाना इंकार
    जो तुमसे हो गया है प्यार ।।

    यादों में तेरे मैं हर पल छाया रहता ।
    सोचकर मैं तुमको हरदम मुसकाया रहता।
    अब तो दिल हो गया बेकरार
    जो तुमसे हो गया प्यार ।

    पूछो यह तुम मेरे सांसो से।
    सुनो ये तुम कहती है लबों से ।
    जो बजती कहे तुम्हारी पायल की झंकार ।
    जो तुमसे हो गया प्यार ।

    अब तो दिल कहता है बार बार ।
    जो मिल गया तुमसे यार ।
    जुदा नहीं कर पाएंगे कोई ।
    कुछ नहीं कर सकेगा हमको संसार ।
    जो तुमसे हो गया प्यार ।
    जो तुमसे हो गया प्यार ।

  • मेरे सांसों ने तेरे कानों में

    मेरे सांसों ने तेरे कानों में

    मेरे सांसों ने तेरे कानों में
    अपने दिल का पैगाम दिया ।
    गुजरी तुझ पर क्या जानेमन ?
    क्या इसका अंजाम हुआ?

    धोखा में ना रखना ,सनम तू मुझको ।
    बरसों से चाहत है चाहे तू मेरे दिल को ।
    खफा होने की बात क्या है ?
    ख्वाब तेरे हो तो जुदाई रात क्या है?
    यादों में तेरे रात दिन हुआ,
    दिन से फिर शाम हुआ।।

    तारीफे ना करूं तो तुझ पर साजिश होगी ।
    चाहता रहूं बस तुझको मेरी ख्वाहिश होगी ।
    सांसो की सांसो से , सांसों में ऐतबार ।
    नजरों की नजरों से , नजरों में इंतजार।
    दिन की मोती शाम की ज्योति को मैंने जान लिया।।

    – Lyrics by Manibhai

  • तेरे लिए करूं दुआ हर पल सदा

    तेरे लिए करूं दुआ हर पल सदा

    तेरे लिए करूं दुआ, हर पल सदा ,तुझे ना पता।
    देखकर अनदेखा, ना कर जाने जा और ना सता।

    ख्वाबों की लकीर, पर बनती है तेरी तस्वीर ।
    छूना चाहूं, छू ना पाऊं हाथों में कैसी जंजीर?
    फिर खो जाऊं ,ओझल हो जाऊं, मैं लापता।

    तेरे लिए ….

    चारों तरफ छाया हुआ है तेरा ही तेरा नजारा।
    आंखों में है तू ही सदा मिलना चाहूँ मैं दुबारा ।
    कैसा हाल है मदहोशी बेमिसाल है हो ना खता। तेरे लिए…

  • करें मातु तुझको नमन शारदे

    करें मातु तुझको नमन शारदे

    करें मातु तुझको नमन शारदे।
    गहें मातु तेरी शरण शारदे।।
    कृपा यूँ करो हो सृजन नित्य ही।
    न अभिमान आये कभी कृत्य की।।

    सजें शब्द पावन नए भाव से।
    मिलाएँ सभी स्वर नए चाव से।।
    मिले शक्ति तेरी अँधेरा टले।
    मिटे मूढ़ता ज्ञान सूरज जले।।

    गढ़ें मार्ग ऐसा कि दुनियाँ चले।
    मिले प्यार सम्मान भारत खिले।।
    सृजन हो हमारा सभी के लिए।
    जलें प्रेम सौहार्द के नित दिए।।

    सरल हम बनें नेह सबसे करें।
    सभी दिव्यता भाव मन में धरें।।
    सहायक बनें एक दूजे सभी।
    किसी को न दें कष्ट बाधा कभी।।

    सभी ज्ञान अर्जन करें कर कृपा।
    लुटा शब्द भंडार कुछ मत छिपा।।
    बनें शुद्ध औ बुद्ध जनता सभी।
    न आए यहाँ मातु विपदा कभी।।

    सभी प्यार के गीत गाएँ यहाँ।
    तजें सब बुराई कि देखे जहाँ।।
    बनें कर्मयोगी जगत तार दे।
    करें वंदना माँ सुनों शारदे।।

    ----गीता उपाध्याय'मंजरी' रायगढ़ छत्तीसगढ़

  • माघ शुक्ल शीतला छठि पर कविता

    माघ शुक्ल शीतला छठि पर कविता

    माघ शुक्ल की छठि तिथी ,
    से ठंडी का अन्त ।
    इसे शीतला छठि कहें ,
    जानकार सब सन्त।।
    इस छठि का व्रत लाभप्रद,
    नारी को है खास।
    दैहिक-दैविक ताप से,
    मुक्ती बिना प्रयास।।
    मातु शीतला की कृपा,
    संतति करे प्रदान।
    देता है सौभाग्य भी,
    पुष्ट करे मन-प्रान।।
    इस व्रत मे चूल्हा सदा,
    जलने मे प्रतिबन्ध।
    बासी भोजन भोग मे
    करने का अनुबन्ध।।
    रोग विकारों का शमन,
    होता है तत्काल।
    इस व्रत से माँ शीतला,
    कर देतीं खुश हाल।।
    जल्दी उठ स्नान कर,
    चौकी पर रख मूर्ति।
    पत्र-पुष्प, नैवेद्य से,
    पूजा हो स्वस्फूर्ति।।
    हलवा पूड़ी गुल गुले,
    लें पंचमी बनाय।
    कुछ मीठा हो दूध का,
    दीजै भोग लगाय।।
    पानी-चाय गरम सब,
    व्रत में दीजों त्याग ।
    ठंडे सभी पदार्थ से,

    पूजें सह अनुराग।।

    एन्०पी०विश्वकर्मा , रायपुर 🙏