दोहे करते बात – बाबू लाल शर्मा
मानव,परिवार,देश,धर्म,समाज,रानीति एवं विविध वैश्विक पहलुओं, व समस्याओं पर आधारित दोहे
मानव,परिवार,देश,धर्म,समाज,रानीति एवं विविध वैश्विक पहलुओं, व समस्याओं पर आधारित दोहे
गीता ग्रंथ में उल्लेखित महत्वपूर्ण बातों को आधार मानकर लिखी गई कविता
सरस छंद रचनाएँ
दहेज सामाजिक बुराई पर आधारित कविता
मुझे समझा रही थी वो बहुत मासूम लहजे में, बड़े नाज़ुक तरीके सेमेरे गालों पे रखके हाथ समझाया था उसने येसुनो इक बात मानोगे,अगर मुझसे है तुमको प्यार,तो इक एहसान कर देनाजो मुश्किल है,मेरी ख़ातिर उसे आसान कर देना…अब इसके…