काँटों पर चलना सीखे – मनीभाई नवरतन
अब काँटों पर चलना सीखें अब तक सुमनों पर चलते थे, अब काँटों पर चलना सीखें॥खड़ा हुआ है अटल हिमालय, दृढ़ता का नित पाठ पढ़ाता।। बहो निरन्तर ध्येय-सिन्धु तक, सरिता का जल-कण बतलाता।अपने दृढ़ निश्चय से पथ की, बाधाओं को ढहना सीखें। अब…… हममें चपला-सी चंचलता, हममें मेघों की गर्जन।हममें पूर्ण चन्द्रमा-चुम्बी, सिन्धु-तरंगों का नर्तन … Read more