काँटों पर चलना सीखे – मनीभाई नवरतन

अब काँटों पर चलना सीखें अब तक सुमनों पर चलते थे, अब काँटों पर चलना सीखें॥खड़ा हुआ है अटल हिमालय, दृढ़ता का नित पाठ पढ़ाता।। बहो निरन्तर ध्येय-सिन्धु तक, सरिता का जल-कण बतलाता।अपने दृढ़ निश्चय से पथ की, बाधाओं को ढहना सीखें। अब…… हममें चपला-सी चंचलता, हममें मेघों की गर्जन।हममें पूर्ण चन्द्रमा-चुम्बी, सिन्धु-तरंगों का नर्तन … Read more

प्रेरणा दायक कविता – हम स्वदेश के सपूत

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कविता बहार के प्रेरणा दायक कविता में से एक कविता – हम स्वदेश के सपूत हम स्वदेश के सपूत आज पग बढ़ा चले। हाथ में अंगार, है हर चरण पहाड़ है।हम बढ़े जिधर उधर आँधियाँ ही बढ़ चलें।हम स्वदेश के सपूत आज पग बढ़ा चलें। मातृभूमि तू न डर, धीर धर विश्वास धर।शत्रु शीश बीनती … Read more

देखें कौन सुमन शैया तज कंटक पथ अपनाता है?

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देखें कौन सुमन शैया तज, कंटक पथ अपनाता है? देश-प्रेम का मूल्य प्राण है, देखें कौन चुकाता है?देखें कौन सुमन शैया तज, कंटक पथ अपनाता है? सकल मोह ममता को तजकर, माता जिसको प्यारी हो।दुश्मन की छाती छेदन को, जिसकी तेज़ कटारी हो।मातृभूमि के लिए राज्य तज, जो बन चुका भिखारी हो।अपने तन,मन,धन-जीवन का स्वयं … Read more

आया समय जवानो जागो भारतभूमि पुकारती।

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प्रेरणा दायक कविता यह लोगों कि कार्वाई, इच्छाओं और ज़रूरतों के लिए कारणों का प्रतिनिधित्व करता है। प्रेरणा भी व्यवहार करने की दिशा के रूप मे परिभाषित किया जा सकता है। एक मकसद एक निश्चित तरीके से कार्य करने के लिए व्यक्ति को संकेत देता है या कम से कम विशिष्ट व्यवहार के लिए एक … Read more

प्रेरणा दायक कविता – उठो सोने वालो सबेरा हुआ है

प्रेरणा दायक कविता – उठो सोने वालो सबेरा हुआ है उठो सोनेवालो, सबेरा हुआ है,वतन के फकीरों का फेरा हुआ है। जगो तो निराशा निशा खो रही है,सुनहरी सुपूरब दिशा हो रही है,चलो मोह की कालिमा धो रही है,न अब कौम कोई पड़ी सो रही है।तुम्हें किसलिए मोह घेरे हुआ है?उठो सोनेवालो, सबेरा हुआ है। … Read more