हिंदी संग्रह कविता-खड़ा हिमालय बता रहा है
खड़ा हिमालय बता रहा है खड़ा हिमालय बता रहा है, डरो न आँधी पानी में।खड़े रहो अपने ही पथ पर, कठिनाई – तूफानों में।डिगो न अपने पथ से तो फिर, सब कुछ पा सकते प्यारे।तुम भी ऊँचे हो सकते हो, छू सकते नभ के तारे।अचल रहा जो अपने पथ पर, लाख मुसीबत आने में।मिली सफलता … Read more