क़दम मिला कर चलना होगा / अटल बिहारी वाजपेयी

atal bihari bajpei

क़दम मिला कर चलना होगा / अटल बिहारी वाजपेयी बाधाएँ आती हैं आएँघिरें प्रलय की घोर घटाएँ,पावों के नीचे अंगारे,सिर पर बरसें यदि ज्वालाएँ,निज हाथों में हँसते-हँसते,आग लगाकर जलना होगा।क़दम मिलाकर चलना होगा। हास्य-रूदन में, तूफ़ानों में,अगर असंख्यक बलिदानों में,उद्यानों में, वीरानों में,अपमानों में, सम्मानों में,उन्नत मस्तक, उभरा सीना,पीड़ाओं में पलना होगा।क़दम मिलाकर चलना होगा। … Read more

एक अकेले मदन मोहन

एक अकेले मदन मोहन कुछ  लोग होते हैं, जो महान होते हैं, महात्मा कहलाते हैं, कुछ लोग होते हैं, जो पवित्र होते हैं, शुद्धात्मा कहलाते हैं  कुछ लोग होते हैं देवतुल्य, जो देवात्मा कहलाते हैं  पर महामना हैं केवल एक, जहां अनेक में एक पुण्यात्मा हम पाते हैं  न पहले ना बाद में किसी का, … Read more

वन्दे मातरम् – बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय

यह गीत बंकिम चंद्र जी के उपन्यास आनंदमठ (1882) का हिस्सा है। उपन्यास में इसे सन्यासी क्रान्तिकारी गाते हैं। इस गीत में संस्कृत और बांग्ला भाषाओं का मिश्र-प्रयोग हुआ है। इसके पहले दो पैराग्राफ़ को भारत के राष्ट्रीय गीत के रूप में मान्यता प्राप्त है।

नानक पर कविता -अलामा मुहम्मद इकबाल

 नानक पर कविता-अलामा मुहम्मद इकबाल कौम ने पैग़ामे गौतम की ज़रा परवाह न कीकदर पहचानी न अपने गौहरे यक दाना की आह ! बदकिसमत रहे आवाज़े हक से बेख़बरग़ाफ़िल अपने फल की शीरीनी से होता है शजर आशकार उसने कीया जो ज़िन्दगी का राज़ थाहिन्द को लेकिन ख़याली फ़लसफ़े पर नाज़ था शमएं-हक से जो … Read more

गुरू नानक शाह-नज़ीर अकबराबादी

 गुरू नानक शाह-नज़ीर अकबराबादी हैं कहते नानक शाह जिन्हें वह पूरे हैं आगाह गुरू ।वह कामिल रहबर जग में हैं यूँ रौशन जैसे माह गुरू ।मक़्सूद मुराद, उम्मीद सभी, बर लाते हैं दिलख़्वाह गुरू ।नित लुत्फ़ो करम से करते हैं हम लोगों का निरबाह गुरु ।इस बख़्शिश के इस अज़मत के हैं बाबा नानक शाह … Read more