विश्व ही परिवार है- आर आर साहू
विश्व ही परिवार है- आर आर साहू ————— परिवार ————-ऐक्य अपनापन सुलभ सहकार है,इस धरा पर स्वर्ग वह परिवार है। मातृ,भगिनी, पितृ,भ्राता,रुप में,शक्ति-शिव आवास सा घर-द्वार है। बाँटते सुख-दुःख हिलमिल निष्कपट,है प्रथम कर्तव्य फिर अधिकार है। है तितिक्षा,त्याग,का आदर्श भी,प्रेम, मर्यादा सुदृढ़ आधार है। दृष्टि जितना और जैसा देखती,उस तरह,उतना, उसे संसार है। नीर,पावक,वायु ये … Read more