Tag: 21जून विश्व संगीत दिवस पर हिंदी कविता

21जून विश्व संगीत दिवस की शुरुआत –  फ्रांसीसियों की संगीत के प्रति दीवानगी की हद को देखते हुए 21 जून 1982 को आधिकारिक रूप से संगीत-दिवस की घोषणा हुई थी और धीरे-धीरे अब यह समूचे विश्व में मनाया जाने लगा है।

  • जीवन का अमृत है संगीत (विश्व संगीत दिवस पर कविता)

    जीवन का अमृत है संगीत (विश्व संगीत दिवस पर कविता)

    जीवन का अमृत है संगीत (विश्व संगीत दिवस पर कविता)



    व्यथित जीवन में सुख का,
    एहसास कराता है संगीत।
    गम के बादलों से घिरे मन को,
    शांत कराता है संगीत।



    दुख सागर में,अटके जीवन नैया,
    उसको भी पार लगाता है संगीत।
    जीवन के हर मोड़ पर ,
    साथ निभाता है संगीत।



    दुख या गम हो कितने जीवन में,
    खुशियों की सौगात लाता है संगीत।
    सोए हुए अंतरात्मा को भी,
    पल भर में जगाता है संगीत।

    घातक रोग से पीड़ित मन को,
    प्रतिरोधक बन जिलाता है संगीत।
    औषधि बनकर कितनो के?
    जीवन बचाता है संगीत।



    प्रेम, भक्ति,और संतोषभाव,
    मन में जगाता है संगीत।
    अनर्थ और बुरे कर्मो से,
    ध्यान हटाता है संगीत।



    हर गम और झगड़े भुलाकर,
    प्रेम और मित्रता सिखाता है संगीत।
    मृत काया में भी अमृत बन,
    प्राण फूंक जाता है संगीत।



    सच्चा साथी बनकर मानव को,
    मानव से मिलाता है संगीत।
    सारे गम दुख को मिटाकर,
    सही राह दिखाता है संगीत।



    जब जब संगत करता हूं,
    मेरा हौसला बढ़ाता है संगीत।
    जीवन जीने की हमे,
    कला सिखलाता है संगीत।



    जीवन के हर मोड़ पर,
    मेरा मीत है संगीत।
    जीवनरक्षक और प्राणदायिनी,
    जीवन का अमृत है संगीत।


    महदीप जंघेल
    निवास – खमतराई
    विकासखंड-खैरागढ़
    जिला -राजनांदगांव( छ.ग)

  • जीवन और संगीत है एक दूसरे के पूरक

    जीवन और संगीत है एक दूसरे के पूरक

    जीवन और संगीत है एक दूसरे के पूरक

    जीवन और संगीत है एक दूसरे के पूरक।
    संगीत है हर समय और स्थिति की जरूरत।


    लोरी है जीवन का पहला संगीत।
    प्रकृति की हर वस्तु में जीवन का उदगीत।

    ईश्वर की भक्ति में संगीत।

    माता की शक्ति में संगीत।
    मंदिर के शंखनाद में संगीत।
    मस्जिद की अजान में संगीत।


    शीतल बयार में संगीत।
    आंधी के संहार में भी संगीत।
    बारिश की टिप टिप में संगीत।
    पानी के छप छप में संगीत।


    भारत की संस्कृति में संगीत।
    जीवन की हर मन स्थिति में संगीत।
    दिलों के प्यार में संगीत।
    जीवन का त्यौहार है संगीत।


    जीवन में है संगीत यह संगीत में है जीवन।
    बिन संगीत जीवन में व्याप्त सूनापन।
    निराश मन में आशा का संचार संगीत।
    पत्थर में जान डाले। वह झंकार है संगीत।


    हास्य व रुदन में संगीत।
    अन्याय अत्याचार के दमन में संगीत।
    पृथ्वी के कण-कण में संगीत।
    जीवन के हर क्षण में संगीत।

    वर्तिका दुबे, उत्तर प्रदेश

  • संगीत जीवन का अंग है

    संगीत जीवन का अंग है

    संगीत जीवन का अंग है



    संगीत जीवन का अंग है,
    जो रहता जीवन संग है।

    संगीत उदासी की सहेली है,
    जीवन की दुल्हन नई नवेली है।

    यह साधना का स्वर है,
    गुनगुनाता जग भँवर है।

    संगीत जीवन जीने की युक्ति है,
    शारीरिक मानसिक ब्याधियों से मुक्ति है।

    गायन वादन नृत्य ये संगीत हैं,
    संतुलित जीवन के ये मीत हैं।

    जिसके जीवन में आता है,
    ध्यानशक्ति उसकी बढ़ाता है।

    तनाव दर्द सब दूर करे,
    प्रतिरोधक क्षमता तन में भरे।

    नकारात्मकता को ठग लेता है,
    सकारात्मकता जग में देता है।

    पर्व त्योहारों में रंगत बढ़ाये,
    जन्म से चिता तक साथ जाये।

    जो संगीत को प्रेमिका बनाता है,
    वह प्रेमी जीवन भर सुख पाता है।



    अशोक शर्मा, लक्ष्मीगंज, कुशीनगर,उ.प्र.

  • संगीत और जीवन -बिसेन कुमार यादव’बिसु

    संगीत और जीवन -बिसेन कुमार यादव'बिसु

    आना है, और चलें जाना है!
    जीवन का रीत पुराना है!!

    जीवन का नहीं ठिकाना है!
    जन्म लिया तो मर जाना है!!

    गाना है और बजना है!
    जीवन एक तराना है!!

    संगीत को मीत बनाओ!
    शब्दों को गीत बनाओ!!

    सा,रे,गा,मा,पा,धा नि,से,
    जीवन में राग बना!

    और दो दिलों के मेल से
    अमर प्रेम अनुराग बना!!

    संगीत के सात स्वरों से,

    मधुर-मधुर सरगम बना!

    कजरी,सुआ, झुला, हिन्डोला,
    आल्हा जैसे गीत बना!!

    स्वारों के साथ-साथ ताल से ताल मिलाओ!
    पैरों को थिरकाओ, हाथों को घुमाओ!!

    झुमो नाचों गाओ कमर तो मटकाओ!
    मधुर संगीत बज रहीं,थोड़ा गुनगुनाओ!!

    दुःख ,दर्द,पीड़ा सब भूल जाए!
    संगीत के मधुर रस में घुल जाए!!

    खुशी गम प्यार ,नफरत में संगीत!
    जीवन के हर पहलुओं में संगीत!!

    उत्सव,मेले, नृत्यों में छटा बिखेरे संगीत!
    खिलखिलाती मुस्कान हर चेहरे में संगीत!!

    कभी ढोल नगाड़ा बजते है!
    अरमानों के सपने सजते है!!

    पुजा, अर्चना छठ्ठी शादी और त्यौहारों में!
    हवाओं में फिजाओं में सावन के बहारों में!!

    जीवन में रीति-रिवाज शैली ढंग है!
    संगीत के बीना यह दुनिया बेरंग है!!

    झर-झर करते झरनों में संगीत!
    बादलों के गर्जनो में संगीत!!

    नब्जो में बहती रक्त के स्पंदन में संगीत!
    धक-धक करते धड़कन में संगीत!!

    मधुर स्वर बहती बांसुरी और सितारों में!
    सहनाई,तंबुरा,तानपुरा वाद्य के झनकारों में!!

    पर्वत गाते,धरती गाती फसलें गाती!
    कल-कल बहती करती नदियां गाती!!

    वर्षा के गिरते बूंदों पर संगीत!
    हर दिलों में जिन्दा है संगीत!!

    जीव के जन्म में जीवन के मरण में संगीत!
    मंगलगीत, उत्सव और नामकरण में संगीत!!
    चाहे न लो या लो प्रभु का नाम!
    संगीत के बीना नहीं कुछ काम!!

    बिसेन कुमार यादव’बिसु’
    ग्राम-दोन्देकला,थाना-विधानसभा
    जिला रायपुर छत्तीसगढ़

  • संगीत जरुरी है  

    संगीत जरुरी है  


    जीवन  एक  मधुर   संगीत  है  ।
    इसे  सुर  लय  में  गाना  सीखो ।
    सात  सुरो  की स्वर मालिका  को,
    शुद्ध   कंठों  से  लगाना  सीखो ।।


    परमेश्वर   का    वरदान  है ,  संगीत  ।
    सुर  -लय  छंद   का  गान  है,  संगीत ।
    संगीत   नहीं  तो ,  जीवन   नीरस  है ।
    गुणी  जन  की  पहचान   है,  संगीत ।।

    सप्त  सुरों  की  स्वर   मालिका  पर ।
    प्रकृति  प्रफुल्लित   आराधिका  पर ।
    अंतरमन    की    गांठों   को    खोलें ,
    माँ   अपनी   स्वर   नायिका    पर ।।


    राग  ठाठ  की, अनुपम   श्रेणी ।
    कंठ  ताल,  छंदों   की   त्रिवेणी ।
    जो   साधक  का   ब्रह्म जगा दे ,
    तुरीयानंद    की  सुंदर   निसेनी ।।


    संगीत   भरा  इस   प्रकृति  पर ।
    माँ  भारती   की   संस्कृति   पर ।
    आनंदवर्षिणी  अनुभूति   करती ,
    स्वर –  समूह  की   आवृति  पर।।


    स्वरहीन  जीवन   क्या  जीवन  है ?
    संगीत   जहाँ   वहीं   वृदावन    है ।
    वेणु     गूँजे,   श्रुति   भेद     बताये ,
    वीणापाणी    का    प्रेमांगन   है । ।
                 ~  रामनाथ साहू ननकी
                               मुरलीडीह