कहानी सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी पर कविता
कहानी सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी पर कविता हाँ मुंशी प्रेमचंद जी , साहित्यकार थे ऐसेमानवता की नस-नस को पहचान रहे हों जैसे। सन् अठ्ठारह सौ अस्सी में अंतिम हुई जुलाईतब जिला बनारस में ही लमही भी दिया सुनाईआनंदी और अजायब जी ने थी खुशी मनाईबेटे धनपत को पाया, सुग्गी ने पाया भाईफिर माता और पिता … Read more