Tag #बाबूलाल शर्मा बौहरा

यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर ०बाबू लाल शर्मा बौहरा के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

दौसा की सैर

दौसा की सैर ??आइए आपकोहमारे यहाँ दौसा की सैरकरवादें ??मेरा जिला,मेरी बोली,मेरा गाँव ,संस्कृति,रीति,पर्यटन,इतिहास,फसलसब से रुबरू…..??..तो आइए??.? *दौसा दर्शन* ?बी.एल.शर्मा—-?—- आओ सैर कराँ दौसा की,नामी बड़गूजर धौंसा की।सूप सो किल्लो डूँगर पै।नीला कंठाँ दौसा की।गाँवा कस्बाअर् शहराँ की,देवाँ नगरी दौसा…

जीवन है अनमोल पर कविता

जीवन है अनमोल पर कविता दुर्लभ मानव देह जन, सुनते कहते बोल।मानवता हित ‘विज्ञ’ हो, जीवन है अनमोल।।. ✨✨✨धरा जीव मय मात्र ग्रह, पढ़े यही भूगोल।सीख ‘विज्ञ’ विज्ञान लो, जीवन है अनमोल।।. ✨✨✨मानव में क्षमता बहुत, हिय दृग देखो खोल।व्यर्थ…

छिपे चंद्रिका से हम बैठे

छिपे चंद्रिका से हम बैठे छिपे चंद्रिका से हम बैठेकक्षों में पर्दे लटके।धूप सुहाती नही आज क्योंतारों की गिनती खटके। प्राकृत की छवि कानन भूलेदेख रहे तरु चित्रों कोवन्य वनज वन जीव उजाड़ेभूल गये खग मित्रों को विहग नृत्य की…

वर्दी के सम्मान पर कविता

वर्दी के सम्मान पर कविता १बलिदानी पोशाक है, सैन्य पुलिस परिधान।खाकी वर्दी मातृ भू, नमन शहादत मान।।२खाकी वर्दी गर्व से, रखना स्व अभिमान।रक्षण गुरुतर भार है, तुमसे देश महान।।३सत्ता शासन स्थिर नहीं, स्थिर सैनिक शान।देश विकासी स्तंभ है, सेना पुलिस…

कोंपल पर कविता

कोंपल पर कविता फागुन राह निहारे कब सेआओ भँवरे अमराईपछुआ पवन ताप ले आओहृदय शीत हर पुरवाई कोयल की मृदु तान सुनी तोवसन वृक्ष भी त्याग रहेवन्य जीव मन मीत मनानेआगे पीछे भाग रहे विरहा देख रही आँगन मेंबया युगल…

मीन सिंधु में दहक रही

मीन सिंधु में दहक रही बड़वानल की लपटों में घिरमीन सिंधु में दहक रही।आग हृदय की कौन बुझाएनदियाँ झीलें धधक रही।। मौन हुई बागों में बुल बुलधुँआ घुली है पुरवाईसन्नाटों के ढोल बजे हैंशोक मनाए शहनाई अमराई में बौर झरे…

शीतऋतु के भोर पर कविता

शीतऋतु के भोर पर कविता भोर कुहासा शीत ऋतुतैर रहे घन मेह।बगिया समझे आपदावन तरु समझे नेह।।.तृषित पपीहा जेठ मेंकरे मेह हित शोरपावस समझे आपदाकोयल कामी चोर करे फूल से नेह वहमन भँवराँ नर देह।भोर……………..।।.ऋतु बासंती आपदासावन सिमटे नैनविरहा तन…

गीत-सूनी सूनी संध्या भोर पर कविता

संध्या भोर पर कविता काली काली लगे चाँदनीचातक करता नवल प्रयोग।बदले बदले मानस लगतेरिश्तों का रीता उपयोग।। हवा चुभे कंटक पथ चलतेनीड़ों मे दम घुटता आजकाँप रहा पीला रथ रवि कासिंहासन देता आवाजझोंपड़ियाँ हैं गीली गीलीइमारतों में सिमटे लोग।बदले…………………।। गगन…

जीत पर कविता

जीत पर कविता काल चाल कितनी भी खेले,आखिर होगी जीत मनुज कीइतिहास लिखित पन्ने पलटो,हार हुई है सदा दनुज की।। विश्व पटल पर काल चक्र ने,वक्र तेग जब भी दिखलाया।प्रति उत्तर में तब तब मानव,और निखर नव उर्जा लाया।बहुत डराये…

हाइकु

हाइकु तृतीय शतक

हाइकु शतक १बुलकड़ियाँरिक्त गौशाला द्वारसूखा गोबर।२चैत्र प्रभातविधवा का शृंगारदूर्वा टोकरी।३फाग पूर्णिमाडंडे पर जौ बालीबालक दौड़ा।४होली दहनचूल्हे पे हंसती माँगेहूँ बालियाँ।५मदिरालयकुतिया को पकोड़ेनाली में वृद्ध।६औषधालयचारपाई पे वृद्धनीम निम्बोली।७कैर साँगरीबाजरी की रोटियाँहाथ खरोंच।८चंग का स्वरमातृ गोद बालिकाआँख में आंसू।९निम्बू का रसरंगे हाथ…