देव घनाक्षरी विधान -बाबूलाल शर्मा ‘विज्ञ’

देव घनाक्षरी विधान -बाबूलाल शर्मा ‘विज्ञ’ देव घनाक्षरी विधान ३३वर्ण (८८८९) प्रतिचरण चार चरण समतुकांत चरणांत नगण१११(पुनरावृत्ति) (जैसे कदम कदम) देव घनाक्षरी विधान का उदाहरण __कदम-कदम__ लड़ें सीमा पर हम,पातकी जाएगा थम,कारवाँ चले बढ़ेगा,चलना कदम-कदम। पाक पड़ौसी बे दम,सुधारो उसको तुम,करना नहीं रहम,वह तो छदम छदम। चीन भाई धोखे सम,फैलता है काला तम,भारती माता पावन,झूठ … Read more

हरिहरण घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ’

घनाक्षरी छंद विधान: हरिहरण घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ’ हरिहरण घनाक्षरी विधान ३२ वर्ण( ८८८८) प्रतिचरण चार चरण समतुकांत आंतरिक समान्तता अपेक्षित चरणांत लघु लघु ११ हरिहरण घनाक्षरी का उदाहरण . __परिवर्तन__ हे श्याम वर्ण के घननर्मद सा हो ये मन,पत्थर शिव जीवनवसुधा पर सावन। सागर जैसा हो धनविहगों जैसा जीवन,यमुना सी बंशी धुनगंगा सा जल पावन। … Read more

विजया घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ’

घनाक्षरी छंद विधान: विजया घनाक्षरी -बाबूलाल शर्मा ‘विज्ञ’ विजया घनाक्षरी विधान ३२ वर्ण (८८८८) प्रतिचरण चार चरण समतुकांत आंतरिक समान्तता हो चरणांत नगण १११ विजया घनाक्षरी विधान का उदाहरण तिरंगा चाह कफन भारत माता वंदनमाटी सादर चंदन,मानस अभिनंदनचरणों में है नमन। जन गण का गायनहर दिन हो सावन,कण कण है पावनरहे आजाद वतन। सुन्दर सुन्दर … Read more

कृपाण घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ’

घनाक्षरी छंद विधान: कृपाण घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ’ कृपाण घनाक्षरी विधान ३२ वर्ण(८८८८) प्रतिचरण चार चरण समतुकांत ८,८,८,८ पर यति हो, एवं चारो यति समतुकांत अनिवार्य चरणांत गुरु लघु २१ (गाल) कृपाण घनाक्षरी विधान का उदाहरण वर्षा नीर माने जाने भू की पीर,साथी सारे हैं जो धीर,गायें पौधे कागा कीर,रक्षे भैया वर्षा नीर। ले कुदाली आओ … Read more

डमरू घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ’

घनाक्षरी छंद विधान: डमरू घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ’ डमरू घनाक्षरी विधान ३२ वर्ण(८८८८) प्रतिचरण १६,१६,वर्ण पर यति चार चरण समतुकांत समस्त वर्ण मात्रा विहीन हो डमरू घनाक्षरी विधान का उदाहरण हँसत नट चल पथ पनघटखटकत जल घट,धर पद नटखटभग पटकत घट। भय भगदड़ तबघर पथ लग जब,कहत रहत अबअभय हँसत नट। वन पथ तक करछछ घट … Read more