हिंदी संग्रह कविता-कोटि-कोटि कंठों ने गाया
कोटि-कोटि कंठों ने गाया कोटि-कोटि कंठों ने गाया, माँ का गौरव गान है,एक रहे हैं एक रहेंगे, भारत की संतान हैं। पंथ विविध चिंतन नाना विधि बहुविधि कला प्रदेश की,अलग वेष भाषा विशेष है, सुन्दरता इस देश की।इनको बाँट-बाँटकर देखें, दुश्मन या नादान हैं। कोटि-कोटि मझायेंगे नादानों को, सोया देश जगायेंगे।दुश्मन के नापाक इरादे, जड़ … Read more