यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर०दूजराम साहू के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .
नन्ही कदमों से कोसों चले माँ की आंचल पकड़े -पकड़े ! और कितनी दूर जाना है माँ कुछ चलकर हो जाते खड़े !!
माँ बोली थोड़ी दूर और .. बेटा हमको चलना है ! एक बार पहुँच गये तो फिर वही पर ठहरना है !! चुभती गर्मी तपती सड़कें नंगे कदमों पर पड़े हैं छाले ! लंगड़ाते कई बार गिरा माँ की उंगली बना सहारे !! कैसी विचित्र खेल है देखों? थरथर -थरथर पांव कांपे! निकल पड़े हैं भूखे-प्यासे नंगे पांव दोनों सड़कें मापें !! एक लक्ष्य बस घर पहुँचना पहुंचे बिना नहीं रूकना! मन में है दृण विश्वास माँ बेटे जिंदगी से लड़े !! नन्ही कदमों से कोसों चले माँ की आंचल पकड़े- पकड़े! और कितनी दूर जाना है माँ कुछ चलकर हो जाते खड़े !!
दूजराम साहू निवास भरदाकला तहसील खैरागढ़ जिला राजनांदगाँव
अपनी संस्कृति अपनाओ, अपना अभिवादन अपनाओ! जब भी मिले दूसरो से , हाथ जोड़ मुस्कुराओ !! हाथ जोड़ मुस्कुराओ, कोरोना दूर भगाओ! हाथ धोये साबुन से थोड़ा न घबराओ !! कहे दूजराम पुकार के , सावधानी अपनाओ! खांसते मास्क लगाओ कोरोना दूर भगाओ !!