वीणा के हाइकु

हाइकु

वीणा के हाइकु 1-कृष्णमुरारीबालभद्र,सुभद्रारथ सवारी।2-हरितालिकापति की लम्बी आयुपत्नी निर्जला।3-स्वयं विश्वासमिलेगी सफलतामंजिल पास।4-लाल गुब्बाराबालक खेल रहाबम धमाका।5-मणिकर्णिकाअंतरिक्ष पे बैठीहिन्द की नारी।          *सविता बरई “वीणा”सीतापुर, सरगुजा,(छ.ग.) Post Views: 41

सुधा राठौर जी के हाइकु

हाइकु

सुधा राठौर जी के हाइकु छलक गयापूरबी के हाथों सेकनक घट★बहने लगींसुनहरी रश्मियाँविहान-पथ★चुग रहे हैंहवाओं के पखेरूधूप की उष्मा★झूलने लगींशाख़ों के झूलों परस्वर्ण किरणें★नभ में गूँजेपखेरुओं के स्वरप्रभात गान सुधा राठौर Post Views: 32

निमाई प्रधान’क्षितिज’ के हाइकु

हाइकु

निमाई प्रधान’क्षितिज’ के हाइकु *[1]* *हे रघुवीर!**मन में रावण है* *करो संहार ।* *[2]**सदियाँ बीतीं* *वहीं की वहीं टिकीं* *विद्रूपताएँ ।* *[3]**जाति-जंजाल**पैठा अंदर तक**करो विमर्श ।* *[4]**दुःखी किसान* *सूखे खेत हैं सारे* *चिंता-वितान* *[5]**कृषक रुष्ट* *बचा आख़िरी रास्ता* *क्रांति का रुख़* *[6]**प्रकृति-मित्र!**सब भूले तुमको**बड़ा विचित्र!!* *[7]* *अथक श्रम* *जाड़ा-घाम-बारिश* *नहीं विश्राम* *[8]**बंजर भूमि**फसल कहाँ से … Read more

वृन्दा पंचभाई की हाइकु

हाइकु

वृन्दा पंचभाई की हाइकु छलक आतेगम और खुशी में मोती से आँसू। लाख छिपाएकह देते है आँसूमन की बात। बहते आँसूधो ही देते मन केगिले शिकवे। जीवन भर साथ रहे चलेमिल न पाए। नदी के तटसंग संग चलतेकभी न मिले। जीवन धुनलगे बड़ी निरालीतुम लो सुन। जीवन गीतअपनी धुन में हैमानव गाता। सुख दुःख केपल … Read more

एकांत/हाइकु/निमाई प्रधान’क्षितिज’

हाइकु

एकांत/हाइकु/निमाई प्रधान’क्षितिज’ [१]मेरा एकांत सहचर-सर्जक उर्वर प्रांत! [२]दूर दिनांततरु-तल-पसरा मृदु एकांत! [३]वो एकांतघ्न वातायन-भ्रमर न रहे शांत ! [४]दिव्य-उजासशतदल कमल एकांतवास ! [५]एकांत सखाजागृत कुंडलिनी प्रसृत विभा ! *-@निमाई प्रधान’क्षितिज’*      रायगढ़,छत्तीसगढ़   मो.नं.7804048925 Post Views: 38