वृंदावन की होली पर कविता
वृंदावन की होली पर कविता पकड़ कलाई रंग ड़ार दियो हाय भीगी मोरी चुनरिया ।श्याम रोके मोरी डगरिया ।ग्वाल सखाओं की लेकर टोलीकान्हा आगये खेलन होलीदेख कर मोहे निपट अकेलीकरने लगे कान्हा जोरा जोरीमैं शरमाऊँ ड़र ड़र जाऊँ न छोड़े मोरी कलइयां।श्याम रोके मोरी डगरिया ।वृंदावन होली खेलन आईरंग लो चाहे जितना कन्हाईतेरे नाम की … Read more