शिव में शक्ति पर कविता
शिवशक्ति की वंदना प्रस्तुत कविता शिव में शक्ति पर कविता भगवान शिव पर आधारित है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर० एन०पी०विश्वकर्मा के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .
शिवशक्ति की वंदना प्रस्तुत कविता शिव में शक्ति पर कविता भगवान शिव पर आधारित है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।
महा देश का ग्रंथ महाभारत अवसर मिलता सर्वदा,पर मन का अभिमान।आलस और प्रमाद सेनही सकें पहचान।।तब गुरुवर, गणनाथ मिलि,पथ की दें पहचान।जो जाने वे कर लिए ,निज हित करके ध्यान।।हर मानव का ध्येय हो,पूजा तीन प्रकार।पित्र, गुरू और देव का ,पूजन से सत्कार।।जीवन के इस युद्ध मे,प्रबल बुद्धि जब होय।तब डगमग श्रद्धा रहे,दुख भोगे हर … Read more
माता रानी की कृपा
पर वंदना
माघ शुक्ल की तीज तिथि पर कविता माघ शुक्ल की तीज तिथि,सब तीनों से श्रेष्ठ।इसके व्रत से पा रहे,साधक सुफल यथेष्ठ ।।लिखा भविष्य पुराण में,माघ शुक्ल की तीज।तिथि नारी जो व्रत रखे,तो पाती सब चीज।।माँ गौरी की कृपा से,सुप्त भाग्य भी जाग।कर देता अतिशय प्रबल,दुर्बल हुआ सुहाग।।व्रत करती है जो बहन,धन, सुख, पुत्र अनूप।लक्ष्मी जी … Read more
माघ कृष्ण पक्ष षटतिला एकादशी के उपलक्ष्य में रचना