विकास पर कविता-नरेन्द्र कुमार कुलमित्र

विकास पर कविता उनकी सोच विकासवादी हैउन्हें विश्वास है केवल विकास परविकास के सारे सवालों परवे मुखर होकर देते है जवाबउनके पास मौजूद हैंविकास के सारे आँकड़े कृषि में आत्मनिर्भर…

रुकना भी है चलना- नरेन्द्र कुमार कुलमित्र

रुकना भी है चलना हमें तो बस यही सिखाया गया है चलते रहो चलते रहोबस चलते ही रहो चलते ही रहने का नाम है जिंदगीरुक जाने से जिन्दगी भी रुक…

पुरूष सत्ता पर कविता- नरेन्द्र कुमार कुलमित्र

पुरूष सत्ता पर कविता लोग कहते रहे हैंमहिलाओं का मनजाना नहीं जा सकताजब एक ही ईश्वर ने बनायामहिला पुरुष दोनों कोफिर महिला का मनइतना अज्ञेय इतना दुरूह क्यों.. ? कहीं…

छात्र राजनीति और राजनीतिक संस्कार पर लेख

छात्र राजनीति और राजनीतिक संस्कार (सामयिक प्रतिक्रिया )   हमारे महाविद्यालय में कल यानी 28.02.2020 को वार्षिकोत्सव एवं पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम के दौरान कुछ निराशाजनक…

जिंदगी पर कविता

जिंदगी पर कविता रंगीन टेलीविजन-सी यह ज़िन्दगीलाइट गुल होने परबंद हो जाती है अचानककाले पड़ जाते हैं इसके पर्देबस यूँ ही--अचानक थम जाती हैहमारी उम्रऔर थम जाते हैंजीवन और मृत्यु…

समय पर कविता

समय पर कविता समय के पाससमय नहीं हैकि थोड़ी देर रुकेतुम्हारे लिए अच्छा होगाकि तुम भी न रूकोचलते रहोसमय के साथ रुकने वालों काकोई संवाद नहीं होताकोई कहानी नहीं होतीकोई…

पेड़ होती है स्त्री पर कविता

स्त्री पर कविता poem on trees जीवन भरचुपचापसहती हैउलाहनों के पत्थरऔरदेती हैआशीषों की छाँह बड़ी आसानी सेकाटो तो कट जाती हैजलाओ तो जल जाती हैआपके हितों के लिएईंधन की तरह…

प्रधानमंत्री पर कविता

प्रधानमंत्री पर कविता प्यारे बच्चों ! सुप्रभातकल प्रधानमंत्री जीआप लोगों के साथ सीधे वार्तालाप करेंगेआप अनुशासित रहेंगेमतलब इधर-उधर नहीं देखेंगेअपने से कुछ भी नहीं बोलेंगेप्रधानमंत्री जी की बातों पर कोई…