बेपरवाह लोग पर कविता
बेपरवाह लोग पर कविता ये उन लोगों की बातें हैंजो लॉकडाउन,कर्फ़्यू, धारा-144जैसे बंदिशों से बिलकुल बेपरवाह हैं जो हजारों की तादात मेंकभी आनन्द विहार बस स्टेंड दिल्लीमेंयकायक जुट जाते हैंतो कभी बांद्रा रेल्वे स्टेशन मुम्बई मेंअचानक इकट्ठे हो जाते हैं ये कोई एकजुट संगठित ताकत नहीं हैकिसी सोची-समझी साज़िश का हिस्सा भी नहीं हैइनके कोई … Read more