वृक्षारोपण पर कविता
वृक्षारोपण पर कविता गिरा पक्षी के मुहं से दानाबस वही हुवा मेरा जनम!चालिस साल पुराना हु मैजरा करना मुझ पे रहम!! आज भी मुझको याद हैवह बिता जमाना कल!पहली किरण लि सुर्य कीथा बहुत ही सुहाना पल!! जब था मै नया-नया तोथा छोटा सा आकार!धिरे-धिरे बड़ा हुआ तोफिर बड़ा हुआ आकार!! झेलनी पड़ी बचपन मे … Read more