सरसी छंद में कैसे लिखें
सरसी छंद को समझने से पहले आइए हम छंद विधान को समझते हैं । अक्षरों की संख्या और क्रम , मात्रा, गणना और यति गति से संबंद्ध विशिष्ट नियमों से नियोजित पद्य रचना को छंद की संज्ञा दी गई है।…
सरसी छंद को समझने से पहले आइए हम छंद विधान को समझते हैं । अक्षरों की संख्या और क्रम , मात्रा, गणना और यति गति से संबंद्ध विशिष्ट नियमों से नियोजित पद्य रचना को छंद की संज्ञा दी गई है।…
पनघट मरते प्यास {सरसी छंद 16+11=27 मात्रा,चरणांत गाल, 2 1}.नीर धीर दोनोे मिलते थे,सखी-कान्ह परिहास।था समय वही,,अब कथा बने,रीत गये उल्लास।तन मन आशा चुहल वार्ता,वे सब दौर उदास।मन की प्यास शमन करते वे,पनघट मरते प्यास।। वे नारी वार्ता स्थल थे,रमणी…
सरसी छंद का विधान निम्नलिखित है: उदाहरण के रूप में: सरसी छंद विधान / बीत बसंत होलिका आई/ बाबू लाल शर्मा बीत बसंत होलिका आई,अब तो आजा मीत।फाग रमेंगें रंग बिखरते,मिल गा लेंगे गीत। खेत फसल सब हुए सुनहरी,कोयल गाये…
होली वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भारतीय और नेपाली लोगों का त्यौहार है। यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली रंगों का तथा हँसी-खुशी का त्योहार है। यह भारत…