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यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर 0शिवराज चौहान के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

दीपावली मुबारक /शिवराज सिंह चौहान

दीपावली मुबारक सबको  बारम्बार  मुबारक।दीपावली त्यौहार मुबारक।।🪔मेरे राम पधारे जब अयोध्या,उस दिन की यादगार मुबारक।🪔तिमिर भगाए जो जीवन का,खुशियों का उजियार मुबारक।🪔इक दूजे को जो करते रोशन,दीपों की वो कतार मुबारक।🪔बम्ब, पटाखे, फूल-झड़ी  संग,चकरी, राकेट, अनार मुबारक।🪔कर महा लक्ष्मी पूजन,…

शिक्षा संसार / शिवराज सिंह चौहान

शिक्षा संसार मात शारदे को नमन,                कर दिया मुझे निहाल।हंसी खुशी पूरे हुए,                    साढ़े अट्ठाइस साल।। भुला कभी ना पाऊंगा                      वो आदर सत्कार।मिला मान सम्मान मुझे,                  और सभी का प्यार।। जाने अंजाने में कोई,                     हरकत हुई फिजूल।गर गलती मुझसे हुई,                  …

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बिटिया का सुख प्यारा / शिवराज सिंह चौहान

बिटिया का सुख प्यारा जग में सुंदर और सलोना,                    रिश्ता है यह न्यारा।प्यार जहां सरोबार बरसता,                बिटिया का सुख प्यारा।। बेटी ::मात पिता पर कभी भी कोई,                       संकट है आ जाए।दूर बैठ भी दुख को “बांटे,”                   वह “बेटी” कहलाए।। पुत्री…

बस कर भगवन / शिवराज सिंह चौहान

बस कर भगवन / शिवराज सिंह चौहान *लापरवाही इक बड़ी,*                           *बनकर आई काल।**पल में प्रलय हो गई,*                          *छीने बाल गोपाल।।* लाड प्यार तैयार कर,                               देकर बस्ता, भोज। दादा दादी मात पिता,                                 करते टाटा रोज।।किसको क्या ये था पता,…

नारी पर कविता

स्त्री पर कविता ( Stree Par Kavita ): चैत्र नवरात्रि हिन्दु धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व है। चैत्र नवरात्रि चैत्र (मार्च अप्रेल के महीने) में मनाई जाती है, इसे चैत्र नवरात्रि कहा जाता है। नवरात्रि में दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-आराधना की जाती है। चूकी दुर्गा माँ…

मिल्खा सिंह राठौड़ पर कविता

मिल्खा सिंह राठौड़ पर कविता उड़न सिक्ख मिल्खा सिंह जी, इक राजपूत राठौड़ भए।दौड़ दौड़ कर दुनियां में, दिल से दिल को जोड़ गए।। वो उस भारत में जन्मे थे, जो आज पाक का हिस्सा है।कहूं विभाजन की क्या मैं,…

मणिकर्णिका-झांसी की रानी लक्ष्मीबाई पर कविता

मणिकर्णिका-झांसी की रानी लक्ष्मीबाई पर कविता अंग्रेजों को याद दिला दी, जिसने उनकी नानी।मर्दानी, हिंदुस्तानी थी, वो झांसी की रानी।। अट्ठारह सौ अट्ठाइस में, उन्नीस नवंबर दिन था।वाराणसी हुई वारे न्यारे, हर सपना मुमकिन था।।नन्हीं कोंपल आज खिली थी, लिखने…

मुखौटा पर कविता

मुखौटा पर कविता हां!मैं मुखौटा।मेरी ओट मेंमुंह जो होता।अंदर से रोकरबाहर हंसाता भी हूं।कभी कभीहोली के हुड़दंग में,बच्चों कोडराता भी हूं।मैंछुपा लेता हूं।मुखड़े की मक्कारियां।आंखों की होश्यारियां।और दिल की उद्गारियां।।दो मुंहे सांपों काएक चेहरामेरा ही तो है।मैं हीसामने वालीनजरों के…

पुलवामा पर कविता

पुलवामा पर कविता प्रेम दिवस पर पुलवामा में,परवानों को प्यार हुआ।आज गीदड़ों के हाथों,था शेरों का संहार हुआ।।कट गई,फट गई,बंट गई वो,फिर भी उसको हमदर्दी थी।सहज सहेजे थी अब तक,वो खून में भीगी वर्दी थी।।सिसका सिंदूर, रोई राखी,माता जी सांसे…

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जो भारत मां के प्यारे हैं -शिवराज चौहान

जो भारत मां के प्यारे हैं -शिवराज चौहान *कलम तू बोल जय उनकी,* *जो भारत मां के प्यारे हैं।**वो सूरज हैं वो चंदा हैं,* *वो बलिदानी सितारे हैं।।*ये मिट्टी की ही खुशबू थी, उसी की थी वो मद मस्ती।उतारूं आज…