सावन पर कविता
सावन-सुरंगा सरस-सपन-सावन सरसाया ।तन-मन उमंग और आनंद छाया ।‘अवनि ‘ ने ओढ़ी हरियाली ,‘नभ’ रिमझिम वर्षा ले आया । पुरवाई की शीतल ठंडक ,सूर्यताप की तेजी, मंदक । पवन सरसती सुर में गाती ,सुर-सावन-मल्हार सुनाती । बागों में बहारों का मेला ,पतझड़ बाद मौसम अलबेला । ‘शिव-भोले’ की भक्ति भूषित ,कावड़ यात्रा चली प्रफुल्लित । … Read more