कविता
- नन्हा मुन्ना राही हूँ देश का सिपाही हूँ बाल गीत
- वृक्ष लगाएं धरती बचाएं/ नीलम त्यागी ‘नील’
- प्रेरक कविता/ डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी
- हो रहा पर्यावरण नुकसान/एस के कपूर “श्री हंस”
- सरस्वती वंदना/डॉ0 रामबली मिश्र
- जलती धरती/मनोज कुमार
- जलती धरती/प्रेमचन्द साव “प्रेम”,बसना
- शिवरात्रि विशेष/डॉ0 रामबली मिश्र
- अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर रचना/सुशी सक्सेना
- जलती धरती/पूनम त्रिपाठी
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@ चैत्र मास पर हिंदी कविता
चेत्र का महीना इस ब्रह्मांड का पहला दिन माना जाता है इसी महीने से होती है हिंदू नववर्ष की शुरूआत। जिसे संवत्सर कहा जाता है।
हिंदू वर्ष का पहला मास होने के कारण चैत्र की बहुत ही अधिक महता होती है। अनेक पावन पर्व इस मास में मनाये जाते हैं। चैत्र मास की पूर्णिमा चित्रा नक्षत्र में होती है इसी कारण इसका महीने का नाम चैत्र पड़ा।
मान्यता है कि सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा ने चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से ही सृष्टि की रचना आरंभ की थी। वहीं सतयुग की शुरुआत भी चैत्र माह से मानी जाती है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी महीने की प्रतिपदा को भगवान विष्णु के दशावतारों में से पहले अवतार मतस्यावतार अवतरित हुए एवं जल प्रलय के बीच घिरे मनु को सुरक्षित स्थल पर पंहुचाया था। जिनसे प्रलय के पश्चात नई सृष्टि का आरंभ हुआ।
12 महीनों पर कविता : भारतीय कालगणना में एक वर्ष में 12 मास होते हैं। एक वर्ष के बारह मासों के नाम ये हैं-