श्रीकृष्ण जय कृष्ण हरे मुरारी
जय गोपी बल्लभ कुञ्ज बिहारी
1
नन्द यशोदा की छवि प्यारी
गोकुल धाम की महिमा न्यारी
नाम तुम्हारा कृष्ण मुरारी
माधव गिरिधारी त्रिपुरारी
श्रीकृष्ण जय कृष्ण हरे मुरारी
जय गोपी बल्लभ कुञ्ज बिहारी
2
कारागार का खोला ताला
यमुना की लहरों को नवाया
तृणावर्त वत्सासुर तारा
दैत्य बकासुर को संहारा
श्रीकृष्ण जय कृष्ण हरे मुरारी
जय गोपी बल्लभ कुञ्ज बिहारी
3
गोवर्धन पर्वत को उठाया
वारिश से मथुरा को बचाया
पूतना को यमलोक भिजाया
दैत्य अघासुर को भी सुलाया
श्रीकृष्ण जय कृष्ण हरे मुरारी
जय गोपी बल्लभ कुञ्ज बिहारी
4
द्रुपद सुता का शील बचाया
मोह पाश अर्जुन का काटा
ज्येष्ठ कर्ण को दे ललकारा
जरासंध को तुम ने मारा
श्रीकृष्ण जय कृष्ण हरे मुरारी
जय गोपी बल्लभ कुञ्ज बिहारी
5
द्वापर युग के तुम अवतारी
प्रकट भये मानव हितकारी
गीता ज्ञान है कृपा तुम्हारी
धर्म ध्वजा तुम पर बलिहारी
श्रीकृष्ण जय कृष्ण हरे मुरारी
जय गोपी बल्लभ कुञ्ज बिहारी
6
वृंदावन के तुम अधिकारी
देवकीनंदन मुरलीधारी
भक्त तुम्हारे सभी पुजारी
कृपा निरंतर बांके बिहारी
श्रीकृष्ण जय कृष्ण हरे मुरारी
जय गोपी बल्लभ कुञ्ज बिहारी
गोविन्द माधव श्याम बिहारी
यशोदा नंदन जय त्रिपुरारी
रमेश