तुम्हें श्रद्धा सुमन चढ़ाऊं

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तुम्हें श्रद्धा सुमन चढ़ाऊं

तुम्हें श्रद्धा सुमन चढ़ाऊं नैनों से नीर बहाऊं
वीर शहीदों तुमको मैं शत-शत शीश नवाऊं|
तुम्हें श्रद्धा सुमन…..

धन्य है वो माता जिसने तुमको जन्म दिया
धन्य पिता वो जिसने बेटा बलिदान किया
ऐसे मात पिताओं पे मैं नित बलि- बलि जाऊं|
तुम्हें श्रद्धा सुमन…..


मातृभूमि की सेवा में दे दी तुमने जान
तुम हो देश सच्चे नायक तुम ही सबसे महान
देशभक्त पूजा में तुम्हारे आरती थाल सजाऊं|
तुम्हें श्रद्धा सुमन…..


बहन की राखी कहती है कहां गए मेरे भैया
सूनी मांग निहारे रस्ता रोती आज है मैया
बेटा कहता पापा मेरे आओ तुम्हें बुलाऊं
तुम्हें श्रद्धा सुमन चढ़ाऊं…..


             रमेश गुप्ता ‘प्रेमगीत’
               सूरजपुर (छ.ग.)
            मो.नं.9977507715

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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