जात-पात पर दोहे

जात-पात पर दोहे जात-पात के रोग से, ग्रस्त है सारा देश|भेद-भाव ने है दला, यहाँ पर वर्ग विशेष|| जात-पात के जहर से, करके बंटा-धार|मरघट-पनघट अलग हैं, करते नहीं विचार|| जात-पात के भेद में, नित के नए प्रपंच|जात मुताबिक संगठन, जात मुताबिक मंच|| जात-पात है भयावह, जात भयानक रोग|करें नहीं उपचार क्यों, झेल रहे हैं लोग|| … Read more

गांव पर दोहे

village based Poem

गांव पर दोहे शहर नगर में विष घुले, करे जोर की शोर।शुद्ध हवा बहने लगी, चलो गांव की ओर।।१।। तेज गमन की होड़ में, उड़े बड़े ही धूल।मुक्त रहो इस खेल से, बात नही तुम भूल।।२।। शांत छांव में मन मिले, कष्ट मिटे अति दूर।हरा भरा तरु देखना, घूमें गांव जरूर।।३।। धान फसल की बालियां, … Read more

निषादराज के दोहे

*निषादराज के दोहे* (1) *दामिनी*देखा जबसे दामिनी,चकाचौंध अब नैन।होश हुआ मदहोश अब,ढलने को अब रैन।। (2) *व्योम*व्योम हुआ गहरा बहुत,बादल छाये आज।नहीं मिला अब चैन भी,नहीं हुआ कुछ काम।। (3) *पुलकित*माँ का आशीष है मिला,जीवन में उल्लास।पुलकित मेरा तन हुआ,हुआ मुझे विश्वास।। (4) *द्रवित*नैन द्रवित मेरा हुआ,खुशियाँ मिले हजार।मन मेरा शीतल हुआ, पा कर अपना … Read more

कर्म पर दोहे -डॉ एन के सेठी

कर्म पर दोहे -डॉ एन के सेठी भाग्य कर्म के बीच में , भाग्य बड़ा या कर्म।कर्म बनाता भाग्य को,यही मनुज का धर्म।। कर्म करे तो फल मिले,कर्म न निष्फल होय।कर्महीन जो ना करे ,जीवन का फल खोय।। कर्मगति है बड़ी गहन , इसे न समझे कोय।जो समझे सत्कर्म को, निष्कामी वह होय।। कर्म बिना … Read more

मिट्टी की घट पर कविता की महिमा बताती सुकमोती चौहान रुचि की छप्पय छंद में यह अनूठा काव्य

मिट्टी की घट पर कविता मिट्टी घट की ओर ,चलो अब लौटे हम सब।प्लास्टिक का प्रतिबंध,मनुज स्वीकारोगे कब।मृदा प्रदूषण रोक,पीजिए घट का पानी।स्वस्थ रहेगा गात, स्वच्छता बने निशानी।घड़ा सुराही की शुद्धता, मान रहा विज्ञान भी।लाइलाज रोगों की दवा,मिट्टी यह वरदान भी। ✍ सुकमोती चौहान रुचिबिछिया,महासमुन्द,छ.ग.