नहीं लेता सीख इंसान इनसे जाने क्‍यों?

नहीं लेता सीख इंसान इनसे जाने क्‍यों? एक क्‍यारी मेंअनेक हैं पेड़-पौधेअलग-अलग हैंजिनकी नस्‍लअलग-अलग हैं गुणअलग-अलग हैं रंग-रूपफिर भीनहीं करते नफरतएक-दूसरे सेनहीं है इनमेंभेदभाव की भावनानहीं मानते किसी कोछोटा या बड़ानहीं है इनमें रंग-भेद हवा की धुन परथिरकते हैं सबएक लय मेंएक ताल मेंखिल जाते हैंसबके चेहरेबरसात मेंकितना है सदभावनहीं लेता सीखइंसान इनसेजाने क्‍यों? -विनोद … Read more

कमाल का हुनर- विनोद सिल्ला

कमाल का हुनर कमाल का हुनररखती हैं पूरे परिवार का ख्याल सभी परिजनों की पसंद-नापसंदका ख्याल सबकी इच्छा-अनिच्छा का ख्याल इतना सुनियोजित प्रबन्धन कमाल का हुनररखती हैं गृहिणियाँइनके हुनर कासमूचा मूल्यांकन अभी बाकी है   -विनोद सिल्ला© विनोद सिल्‍ला 771/14, गीता कॉलोनी, नज. धर्मशालाडांगरा रोड़, टोहानाजिला फतेहाबाद  (हरियाणा)पिन कोड 125120संपर्क +919728398500  इस पोस्ट को like करें (function(d,e,s){if(d.getElementById(“likebtn_wjs”))return;a=d.createElement(e);m=d.getElementsByTagName(e)[0];a.async=1;a.id=”likebtn_wjs”;a.src=s;m.parentNode.insertBefore(a, m)})(document,”script”,”//w.likebtn.com/js/w/widget.js”);कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद

बहुत कठिन है वास्‍तविक होना

बहुत कठिन है वास्‍तविक होना बहुत कठिन हैवास्‍तविक होनाकठिन ही नहींअसंभव हैवास्‍तविक होनावास्‍तविक हमया तो बचपन में होते हैंया अपने जीवनसाथीके पास होते हैंअसल मेंजीवनसाथी के पास भीवास्‍तविक होने मेंबहुत से पहलूरह जाते हैंअपने बच्चोंव माता-पिता के समक्षपूरी तरह सेबनावटी हो जाते हैंएक आदर्श काआडम्‍बरपूर्वकओड लेते हैं आवरणहो जाते हैंवास्‍तविकता सेबहुत दूरहमारे मन-मस्‍तिष्‍क मेंचल रहे … Read more

कवि होना नहीं है साधारण

कवि होना नहीं है साधारण   नहीं है साधारण कवि होनानहीं है साधारणअपेक्षित हैं उसमेंअसाधारण विशेषताएंमात्र कवि होना हीबहुत बड़ी बात हैलेकिन फिर भीआत्मश्लाघा के मारेलगते हैं नवाजनेखुद को हीराष्ट्रीय कविवरिष्ठ साहित्यकार केखिताबों सेनाम के आगे-पीछेलगा लेते हैंऐसे उपनामजिन पर स्वयंनहीं उतरते खरेसम्मानित होने वकरने का कारोबारले जाता हैपतन के रसातल मेंउनसे जनकल्याण केसृजन कीअपेक्षा … Read more

माधुरी डड़सेना के हाइकु

हाइकु

माधुरी डड़सेना के हाइकु 1मौसमी ज्वर-फंदे में झूल रहेप्रेमी युगल 2जलतरंग-सर्प के मुख आतीटर्र ध्वनि 3तांडव नृत्य-घर में तैर रहेसारा सामान 4फटा बादल-घर मे दुबका हैमगरमच्छ 5व्यस्त सड़के-बैठे हैं सड़क मेंभैसों का झुंड 6उत्तराषाढा-अरबी में चमकेपानी की बूंदे 7 पहली वर्षा-नाग जोड़े करतेप्रणय लीला 8 मावस रात-बूढ़ी गाय झेलतीमक्खियाँ दँश 9 गुड्डी का फोटो-चौराहे में … Read more