बेटी का दर्द पर कविता
बेटी का दर्द पर कविता अब तो लगने लगा है मुझको,कोख में ही माँ मुझको कुचलो।बाहर का संसार है सुंदर,ऐसा लगता है कोख के अंदर।पर जब पढ़ती हो तुम खबरें,हत्या, बलात्कार, जेल और झगड़े।नन्हा सा ये तन मेरा,भर उठता है पीड़ा से।विदीर्ण हो उठता कलेजा मेरा,अंतर में होती है पीड़ा। सुनकर माँ मुझको तकलीफ,जब होती … Read more