छिपे चंद्रिका से हम बैठे

छिपे चंद्रिका से हम बैठे छिपे चंद्रिका से हम बैठेकक्षों में पर्दे लटके।धूप सुहाती नही आज क्योंतारों की गिनती खटके। प्राकृत की छवि कानन भूलेदेख रहे तरु चित्रों कोवन्य वनज वन जीव उजाड़ेभूल गये खग मित्रों को विहग नृत्य की करे कल्पनाखग मृग व्याल मनुज गटके।छिपे चंद्रिका……….।। निज संस्कृति के झूले मेलेकिले महल मरु धोरे … Read more

दीया पर कविता

दीया पर कविता आओ मिलकर दीप जलाएं,सब दुखों को दूर भगाएं।अंधकार हमें मिटाना है,दीपक सभी को जलाना है।उम्मीद का दीया जलाना है,रोशन होगा चारों दिशा।दिल से अंधकार मिटाना है,प्रकाश पर्व हमें मनाना है,गरीब अंधकार मे जी रहे,उन्हें भी अब रोशन करना है।कितने घर निराश से घिरे,उन्हें भी प्रकाश फैलाना है।दिल में प्रकाश जगाना है,सबको दीप … Read more

नीम-हकीम खतरा-ए-जान

नीम-हकीम खतरा-ए-जान आए बिल्ली जबबंद कर लेते हैं आँखेंसभी कबूतरताकि टल जाए संकटआँखें बंद नहींलाइट बंद करने केआदेश हैं साहब केलेकिन साहबहम कबूतर नहींऔर वो भी बिल्ली नहीं नीम-हकीम खतरा-ए-जानपुख्ता इंतजाम कीजिएइसे गंभीरता से लीजिएटौने-टोटके हमबाद में कर लेंगेफिलहाल तोकोई रणनीति बनाइएसंकट से उबरने की –विनोद सिल्ला©

मन का तामस पर कविता

मन का तामस पर कविता हो तमस का घोर अंधेरा,तो तुम यूँ घबराना ना।गर पग डगमगाए तुम्हारे,तो मिलकर साथ निभाना।हाथ उठाकर प्रण करो तुम,मिलकर बोझ उठाना ना।गर अंतरतम में छाए अंधेरा,विश्वास का दीप जलाना ना।गर गली का दीप बुझा हो,अपने घर का दीप बुझाना ना।गर चुनौती कठिन लगे तो,विपदा को पीठ दिखाना ना।चित चंचल चितवन … Read more

कोरोना में दीप जलाये फिर से यार

कोरोना में दीप जलाये फिर से यार चलो दीप जलाए फिर से यारकी जगमग दीप जलेकोरोना दूर भगाओ घर से यारकी जगमग द्वार करें…… 5 अप्रैल दिन रविवाररात 9 बजे सब दीप जलाए9 मिनट बीजली बुझाओ मेरे यारकि जगमग दीप जले …… कोरोना योद्धाओं की मनोबल बढ़ाओकोरोना रुपी तम को दूर भगाओसोशल डिस्टेंस का रखो … Read more