रोला छंद [सम मात्रिक] कैसे लिखें

रोला छंद [सम मात्रिक] विधान – 24 मात्रा, 11,13 पर यति, यति से पहले वाचिक भार 21 या गाल (अपवाद स्वरुप 122 या लगागा भी) और यति के बाद वाचिक भार 12 लगा या 21 गाल l कुल चार चरण, क्रमागत दो-दो चरणों में तुकांत l प्रत्येक चरण यति पर दो पदों में विभाजित हो … Read more

मनीभाई नवरत्न की हिंदी कवितायें

मनीभाई नवरत्न की हिंदी कवितायें मनीभाई नवरत्न के कविता मौत मौत क्या है ?जलती लौ का बुझ जाना।या राख हो मिट्टी में मिलना । बड़ी भयानक है ना मौत ?यह सोच ही रूह कांप उठती,कि सभी को न्योता मिलेगामौत का ,एक दिन । मौत से इतना डर क्यों ?क्या कोई इसे जानता ?एकदम करीब से … Read more

साल आता रहा दिन गुजरता रहा

साल आता रहा दिन गुजरता रहा साल आता रहा दिन गुजरता रहाचाँद लाचार होकर पिघलता रहा।।उनको रोटी मिली ना रही आबरुवो तो रुपये की सूरत बदलता रहा।। दूर मुझसे रहे खाई गहरी रहीवक़्त मुझसे मुझी में सिमटता रहा।।पांच वर्षों में इक बार कम्बल बंटेठंढ से उनका कस्बा क्यूँ डरता रहा।। उनकी नज़रों का है कुछ … Read more

निश्चल छंद [सम मात्रिक] कैसे लिखें

निश्चल छंद [सम मात्रिक] विधान – 23 मात्रा, 16,7 पर यति, चरणान्त में 21 या गाल l कुल चार चरण, क्रमागत दो-दो चरण तुकांत l उदाहरण :बीमारी में चाहे जितना, सह लो क्लेश,पर रिश्ते-नाते में देना, मत सन्देश lआकर बतियायें, इठलायें, निस्संकोच,चैन लूट रोगी का, खायें, बोटी नोच l – ओम नीरव

रास छंद [सम मात्रिक] कैसे लिखें

रास छंद [सम मात्रिक] विधान – 22 मात्रा, 8,8,6 पर यति, अंत में 112 , चार चरण , क्रमागत दो-दो चरण तुकांत l उदाहरण :व्यस्त रहे जो, मस्त रहे वह, सत्य यही,कुछ न करे जो, त्रस्त रहे वह, बात सही lजो न समय का, मूल्य समझता, मूर्ख बड़ा,सब जाते उस, पार मूर्ख इस, पार खड़ा … Read more