दीपोत्सव का आत्मप्रकाश
दीपोत्सव का आत्मप्रकाश(एक आध्यात्मिक कविता) हर वर्ष आता दीप पर्व, लाता रोशनी का संदेश,पर क्या जलाया अंतर्मन, या फिर दीप विशेष?भीतर झांको, पूछो खुद से, क्या बढ़ा है ज्ञान?या अब भी छाया है भीतर, अज्ञान का संधान? निरंतर आत्म-मूल्यांकन, यही है सच्ची दीवाली,हर क्षण खुद को देखो तुम, ना हो आंतरिक खाली।बाहर की चकाचौंध व्यर्थ … Read more