लिखना पढ़ना पर कविता -अंचल

लिखना पढ़ना पर कविता

पढ़ना लिखना चाहिए,
जीवन में जी मस्त।
शिक्षित करते हैं सभी,
संकट को जी पस्त।।
संकट को जी पस्त,
होत हैं भारी ताकत।
डरते कभी न भाय,
भगे जी संकट सामत।।
कह कवि अंचल मित्र,
कभी मत डर को गढ़ना।
मंजिल पाना सत्य,
सदा सब लिखना पढ़ना।।

अंचल

0 thoughts on “लिखना पढ़ना पर कविता -अंचल”

  1. बेहतरीन कविता की पेशकश…..??
    आप ऐसे ही सुंदर एवं ज्ञानवर्धक कविता लेकर आते रहिये।

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