विश्व कविता दिवस पर कविता – मनीभाई नवरत्न

विश्व कविता दिवस (अंग्रेजी: World Poetry Day) प्रतिवर्ष २१ मार्च को मनाया जाता है। यूनेस्को ने इस दिन को विश्व कविता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा वर्ष 1999 में की थी जिसका उद्देश्य को कवियों और कविता की सृजनात्मक महिमा को सम्मान देने के लिए था।

अभी और लिखने हैं – मनीभाई नवरत्न

अभी और लिखने हैं इतिहास के पन्नों में ।
कुछ क्रांति ,कुछ शांति के शब्द।
अभी और होगा एलान ए जंग ।
तब धरा होगी शांत और स्तब्ध ।

अभी चिंगारी फूटने को है मस्तिष्क में
प्रवाह बड़ेगा अभी नैन अश्क में
तब तो होगा रात्रि से दिवस आगमन
गूंजेगी तभी सतयुग के शब्द ।

गुलामी की जंजीर टूट चुकी
पर लोग अभी भी हैं हवालात में ।
वे पहले से और असहाय लग रहे हैं
वे बंध चुके राजनीति के करामात में ।
लिखते-लिखते लेखनी भी हो रही है छुब्ध।
पर अभी और लिखने हैं…..

manibhainavratna
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मनीभाई नवरत्न

मनीभाई नवरत्न

यह काव्य रचना छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के बसना ब्लाक क्षेत्र के मनीभाई नवरत्न द्वारा रचित है। अभी आप कई ब्लॉग पर लेखन कर रहे हैं। आप कविता बहार के संस्थापक और संचालक भी है । अभी आप कविता बहार पब्लिकेशन में संपादन और पृष्ठीय साजसज्जा का दायित्व भी निभा रहे हैं । हाइकु मञ्जूषा, हाइकु की सुगंध ,छत्तीसगढ़ सम्पूर्ण दर्शन , चारू चिन्मय चोका आदि पुस्तकों में रचना प्रकाशित हो चुकी हैं।

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