कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

धर्म एक धंधा है

धर्म एक धंधा है  गंगाधर मनबोध गांगुली “सुलेख “        समाज सुधारक ” युवा कवि “ क्या धर्म है ,क्या अधर्म है ? आज अधर्म को ही धर्म समझ बैठें हैं । धर्म से ही वर्ण व्यवस्था ,                             समाज में आया…

महामानव अटल बिहारी बाजपेयी पर कविता

atal bihari bajpei

महामानव अटल बिहारी बाजपेयी पर कविता मानवता के प्रेणता थे।            राष्ट के जन नेता थे।भारत माँ के थे तुम लाल।       प्रजातंत्र में किया कमाल।।विरोधी भी कायल थे।         दुश्मन भी घायल थे।।पत्रकार व कवि सुकुमार।        प्रखर वक्ता में थे सुमार।।जीवन की सच्चाई लिखने…

मैं हर पत्थर में तुम्हीं को देखता हूँ

मैं हर पत्थर में तुम्हीं को देखता हूँ, मैं हर पत्थर में तुम्हीं को देखता हूँ,जब आँखों से मोहब्बत देखता हूँ।अब जल्दी नहीं कि सामने आओ मेरे,मैं तो तस्वीर भी दूर कर देखता हूँ।जहां में सब उजाले में देखते हैं…

नमन करुँ मैं अटल जी

नमन करुँ मैं अटल जी नमन करुँ मैं अटल जी तुमको नत हो बारम्बार,जन्म लिया भारत भूमि पर ,जन नेता अवतार। बन अजातशत्रु तुमने मन मोह लिया जन जन काभारत माँ पे निछावर हो,अर्पण किया तन मन का नमन करुँ…

इन गुलमोहरों को देखकर

कविता/निमाई प्रधान’क्षितिज’ इन गुलमोहरों को देखकर दिल के तहखाने में बंद कुछ ख़्वाहिशें…आज क्यों अचानक बुदबुदा रही हैं?महानदी की… इन लहरों को देखकर!! कि ननिहाल याद आता है..इन गुलमोहरों को देखकर!! शाही अपना भी रूतबा थामामाजी के गाँव में!!बचपन में…