हर तरफ है भ्रष्टाचार – आशीष कुमार

प्रस्तुत गीत का शीर्षक "हर तरफ है भ्रष्टाचार है" जोकि आशीष कुमार (मोहनिया, कैमूर, बिहार) की रचना है. इसे वर्तमान समाज में फैले भ्रष्टाचार को आधार मानकर रचा गया है. इस रचना के माध्यम से बताया गया है कि हमारे समाज में भ्रष्टाचार कितनी गहरी पैठ बना चुका है.

विनोद सिल्ला की व्यंग्य कवितायेँ

यहाँ पर विनोद सिल्ला की व्यंग्य कवितायेँ प्रकाशित की गयी हैं आपको कौन सी अच्छी लगी कमेंट कर जरुर बताएँगे कविता संग्रह दो-दो भारत वंचितों  की  बस्तियां  इस  ओर  हैं,सम्पन्नों …

सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ की प्रसिद्ध कवितायेँ

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श्रीधर पाठक की 10 लोकप्रिय कवितायेँ

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मंजिल पुकार रही है प्रेरणा गीत- आशीष कुमार

प्रस्तुत प्रेरणा गीत का शीर्षक "मंजिल पुकार रही है" जोकि आशीष कुमार मोहनिया, कैमूर, बिहार की रचना है. यह लोगों को उनकी मंजिल पाने की अर्थात कामयाबी हासिल करने के लिए हमेशा आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा पर आधारित गीत है.
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सुभद्राकुमारी चौहान की 10 लोकप्रिय रचनाएँ

यहाँ पर सुभद्राकुमारी चौहान की 10 लोकप्रिय रचनाएँ दी गयी हैं सुभद्राकुमारी चौहान की 10 लोकप्रिय रचनाएँ अनोखा दान / सुभद्राकुमारी चौहान अपने बिखरे भावों का मैंगूँथ अटपटा सा यह…

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के प्रति निराला की कविता

यहाँ पर देश रत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के प्रति निराला की कविता बताई गयी है डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के प्रति निराला की कविता उगे प्रथम अनुपम जीवन केसुमन-सदृश पल्लव-कृश जन…

डिजेन्द्र कुर्रे के सर्वश्रेष्ठ 5 माहिया छंद

यहाँ पर डिजेन्द्र कुर्रे के सर्वश्रेष्ठ 5 माहिया छंद प्रस्तुत हैं छंद माहिया छंद -भारत की माटी पूजा की आरत हैं,समता है जिसमें….यह मेरा भारत है हो स्वर्ग हिमालय सा,हृदय…