बेपरवाह लोग पर कविता

बेपरवाह लोग पर कविता ये उन लोगों की बातें हैंजो लॉकडाउन,कर्फ़्यू, धारा-144जैसे बंदिशों से बिलकुल बेपरवाह हैं जो हजारों की तादात मेंकभी आनन्द विहार बस स्टेंड दिल्लीमेंयकायक जुट जाते हैंतो…

कोरोना चालीसा पर कविता

कोरोना चालीसा पर कविता कोरोना-वायरस पर कविता || Hindi Poem on Corona Virus नर रसना के स्वाद का, कोरोना परिणाम।चमगादड़ के सूप का, मचा हुआ कोहराम।।१।। करता कोई एक है,…

इंसान पर कविता

इंसान पर कविता आदिकाल में मानवनहीं था क्लीन-शेवडनहीं करता था कंघीलगता होगा जटाओं मेंभयावह-असभ्यलेकिन वह थाकहीं अधिक सभ्यआज के क्लीन-शेवडफ्रैंचकट या कंघी किएइंसानों से नहीं था वहव्याभिचार में संलिप्तनहीं था…

ब्रजधाम पर कविता- रेखराम साहू के दोहे

ब्रजधाम पर कविता श्री राधाकृष्ण मधुवन काटा जा रहा, रोता है ब्रजधाम।गूँगी गाएँ गोपियाँ, छोड़ गए जब श्याम ।। कालिंदी कलुषित हुई, क्रंदन करे कदंब।नंद नहीं,आनंद में, आहत यशुदा अंब।।…

काम बोलता है पर कविता

काम बोलता है पर कविता वह बचपन से हीकुछ करने से पहलेअपने आसपास के लोगों सेबार-बार पूछता था...यह कर लूं ? ...वह कर लूं ? लोग उन्हें हर बारचुप करा…

मानसिकता पर कविता

मानसिकता पर कविता आज सब कुछ बदल चुका हैमसलन खान-पान,वेषभूषा,रहन-सहन औरकुछ-कुछ भाषा और बोली भी आज समाज की पुरानी विसंगतियां, पुराने अंधविश्वासऔर पुरानी रूढ़ियाँलगभग गुज़रे ज़माने की बात हो गई…

ग्रहों पर कविता

ग्रहों पर कविता तुम जो हो जैसे होउतना ही होना तुम्हारे लिए पर्याप्त नहीं लग रहा हैं तुम जो भी हो उसमें और 'होने' के लिएकुछ लोगों को और भी…

जीत पर कविता

जीत पर कविता जब तक स्वास है ,करना अभ्यास है ।चित से प्रयास करें ,पूरी हर आस हो। परिश्रमी सच्चा जो,सफल रहे सदा वो।लक्ष्य मन में रखें,मंजिल ना दूर हो।…

पानी पर कविता

पानी पर कविता sagar क्षिति जल पावक नभ पवन,जीवन 'विज्ञ' सतोल।जीवन का आधार वर,पानी है अनमोल।।मेघपुष्प ,पानी सलिल, आप: पाथ: तोय।*विज्ञ* वन्दना वरुण की, निर्मल मति दे मोय।।जनहित जलहित देशहित,…
mahapurush

जलियांवाला बाग की याद में कविता

जलियांवाला बाग की याद में कविता जलियांवाला बाग के अमर शहीदों को सलाम।अमर कुर्बानी का पावन अमृतसर शुभ धाम।।तड़ातड़ चली थी निहत्थों पर अनगिनत गोलियां।कसूर था बस बोल रहे थे…