बुढ़ापे से लाभ

बुढ़ापे से लाभ जब मिले बुढ़ापा , खो मत आपा ,ईश्वर  को  धन्यवाद  दे ।उसकी है  करुणा , आया पहुना ,            प्रसन्नता  का  प्रसाद  दे ।।सूक्ष्म  है   संदेश ,  श्वेत  ये …

बूढ़ी हो गई हैं स्वेटर

बूढ़ी हो गई हैं स्वेटर समय के साथबूढ़ी हो गई हैं स्वेटर…यकायक आज..संदूक से निकालकर… आलमारी में सजाते समयधर्मपत्नी बोल उठी थी..आधुनिक समय में कद्र कहाँ है …?दिन रात…आंखें चुंधिया…
छत्तीसगढ़ महतारी /पुनीत राम सूर्यवंशी

छत्तीसगढ़ महतारी /पुनीत राम सूर्यवंशी

छत्तीसगढ़ महतारी/ पुनीत राम सूर्यवंशी               सुघ्घर हाबय छत्तीसगढ़ महतारी,एला कइथे भईया धान के कटोरा,आवव मयारू मितान संगवारी मन,नवा छत्तीसगढ़ राज बनाय बर हे।   बोली-भाखा,जात-पात, छुआ-छुत ल,छोड़ के कहव हमन…

जो भारत विरोधी नारा लगाते

जो भारत विरोधी नारा लगाते "जो भारत विरोधी नारा लगाते"अपनी भारत माता डरी हुई ,वो कुछ भी नही कह पाती है ।अपने कुछ गद्दारों के कारण,मन ही मन वो शर्माती…

हकीकत तब पता चलता है

हकीकत तब पता चलता है हकीकत तब पता चलता है                  कौन अपना है ,कौन पराया है ,                                 ये तो वक़्त बताता है ।हकीकत तब पता चलता है जीवन में,                    जब…

निःशब्द तो नहीं

निःशब्द तो नहीं [१]निःशब्द तो नहीं !किंचित् भी नहीं !!बस…नहीं हैं आजशहद या गुलाबी इत्र मेंडुबोयेसुंदर-सुकोमल-सुगंधित शब्दनहीं हैं आजकर्णप्रिय,रसीले,बांसुरी के तानों संगगुनगुनाते अल्फाज़…सब जल गये !भस्म हो गयेसारे के सारेअंतरिक्ष…

आक्रोश पर कविता

आक्रोश पर कविता                           ये आज्ञा अब है मिली ,खुल के लो प्रतिशोध चुन- चुन के रिपु मारिये, हो गलती  का बोध ।।                           *कोई अब बातें नहीं , करो सिर्फ…

जय जय वीणाधारी

जय जय वीणाधारी जय जय वंदन वीणाधारी।सुन लो माता विनय हमारी ।।          सच राह सदा साहस पाऊँ।           नित नित माता के गुण गाऊँ।।मातु ज्ञान की तुम हो सागर।ज्ञान जगत में…

जय हिंद जय भारत

23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में याद किया जाता है और भारत में मनाया जाता है। इस दिन 1931 को तीन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों: भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव थापर को अंग्रेजों ने…

शहीदों की कुर्बानी पर कविता -मनोरमा जैन पाखी

शहीदों की कुर्बानी पर कविता -मनोरमा जैन पाखी पवन वेग से उड रे चेतक ,जहाँ दुश्मन यह आया है ।रखा रुप विकराल दुष्ट ने ,ताँडव  वहाँ  मचाया  है। रक्तरंजित हो…