Author: कविता बहार

  • भारत सब से न्यारा दुलारा

    भारत सब से न्यारा दुलारा

    भारत सब से न्यारा दुलारा

    aatmnirbhar bharat
    aatmnirbhar bharat

    भारत तु जग से न्यारा, सब से तु है दुलारा,
    मस्तक तुझे झुकाएँ, तेरे ही गीत गाएँ।।

    सन सैंतालिस मास अगस्त था, तारिख पन्द्रह प्यारी,
    आज़ादी जब हमें मिली थी, भोर अज़ब वो न्यारी।
    चारों तरफ खुशी थी, छायी हुई हँसी थी,
    ये पर्व हम मनाएँ, तेरे ही गीत गाएँ।।

    आज़ादी के नभ का यारों, मंजर था सतरंगा,
    उतर गया था जैक वो काला, लहराया था तिरंगा।
    भारत की जय थी गूँजी, अनमोल थी ये पूँजी,
    सपने नये सजाएँ, तेरे ही गीत गाएँ।।

    बहुत दिये बलिदान मिली तब, आज़ादी ये हमको,
    हर कीमत दे इसकी रक्षा, करनी है हम सबको।
    दुश्मन जो सर उठाएँ, उनको सबक सिखाएँ,
    मन में यही बसाएँ, तेरे ही गीत गाएँ।।

    भारत तु जग से न्यारा, सब से तु है दुलारा,
    मस्तक तुझे झुकाएँ, तेरे ही गीत गाएँ।।

    बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’
    तिनसुकिया

  • दहेज दानव

    दहेज दानव

    ये दहेज दानव हजारों कन्याएं खा गया।
    ये बदलता माहौल भी रंग दिखा  गया।।

    हर  रोज  अखबारों  में  ये   समाचार  है,
    ससुराल  जाने  से  कन्या  का इंकार  है,
    क्यों नवविवाहितों को स्टोव जला गया।।

    बिकने  को  तैयार  लड़के हर  तरह  से,
    मांगें  मोटर  कार   अड़के  हर  तरह  से,
    हर  नौजवान अपना  मोल लिखा  गया।।

    चाहिए  माल  साथ  में   कीमती  सामान,
    कूंए के मेंढक  का  बस इतना ही जहान,
    ऐसा माहौल बहू  को  नीचा  दिखा गया।।

    मोटरसाइकिल,  फ्रिज,  रंगीन  टी०  वी०,
    साथ   में  हो  नगदी   और   सुंदर   बीवी,
    सिल्ला ये विचार इंसानियत को खा गया।।

    विनोद सिल्‍ला

    771/14, गीता कॉलोनी, नज. धर्मशाला
    डांगरा रोड़, टोहाना
    जिला फतेहाबाद  (हरियाणा)
    पिन कोड 125120

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  • पुलिस मेरे शहर की

    पुलिस मेरे शहर की

    पुलिस मेरे शहर की

    अपनी पर  आ  जाए तो
    मुर्दों से भी उगलवाती है
    जटिल से जटिल मामला
    यूं मिनटों में  निपटाती है
    पुलिस मेरे शहर की||

    सुस्ती और लापरवाही में
    कितने  मामले  दबाती है
    चाय – पानी  के  बगैर  ये
    महीनों  भर  लटकाती  है
    पुलिस मेरे शहर की||

    मामला   कुछ   और  होए
    उसे और कुछ ही बनाती है
    सीधे -साधे मामलों को भी
    बे वजह ले  दे उलझाती है
    पुलिस मेरे शहर की|\

    पैसे  वाले  के  समक्ष  तो
    ये नतमस्तक हो जाती  है
    गरीब,वंचित,असहाय को
    पीटती  और धमकाती है
    पुलिस मेरे शहर की||

    नशा माफिया और जुआरी
    पकड़  कर  नहीं  लाती  है
    आ जाए हाथ शरीफ कोई
    क्या – क्या धारा लगाती है
    पुलिस मेरे शहर की||

    विनोद सिल्‍ला

    771/14, गीता कॉलोनी, नज. धर्मशाला
    डांगरा रोड़, टोहाना
    जिला फतेहाबाद  (हरियाणा)
    पिन कोड 125120

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  • नहीं लेता सीख इंसान इनसे जाने क्‍यों?

    नहीं लेता सीख इंसान इनसे जाने क्‍यों?

    एक क्‍यारी में
    अनेक हैं पेड़-पौधे
    अलग-अलग हैं
    जिनकी नस्‍ल
    अलग-अलग हैं गुण
    अलग-अलग हैं रंग-रूप
    फिर भी
    नहीं करते नफरत
    एक-दूसरे से
    नहीं है इनमें
    भेदभाव की भावना
    नहीं मानते किसी को
    छोटा या बड़ा
    नहीं है इनमें रंग-भेद

    हवा की धुन पर
    थिरकते हैं सब
    एक लय में
    एक ताल में
    खिल जाते हैं
    सबके चेहरे
    बरसात में
    कितना है सदभाव
    नहीं लेता सीख
    इंसान इनसे
    जाने क्‍यों?

    -विनोद सिल्‍ला©
    771/14, गीता कॉलोनी, नज. धर्मशाला
    डांगरा रोड़, टोहाना
    जिला फतेहाबाद  (हरियाणा)

    पिन कोड 125120

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  • कमाल का हुनर- विनोद सिल्ला

    कमाल का हुनर

    कमाल का हुनर
    रखती हैं 
    पूरे परिवार का 
    ख्याल 
    सभी परिजनों की 
    पसंद-नापसंद
    का ख्याल 
    सबकी 
    इच्छा-अनिच्छा 
    का ख्याल 
    इतना सुनियोजित 
    प्रबन्धन 
    कमाल का हुनर
    रखती हैं 
    गृहिणियाँ
    इनके हुनर का
    समूचा मूल्यांकन 
    अभी बाकी है  

    -विनोद सिल्ला©

    विनोद सिल्‍ला

    771/14, गीता कॉलोनी, नज. धर्मशाला
    डांगरा रोड़, टोहाना
    जिला फतेहाबाद  (हरियाणा)
    पिन कोड 125120
    संपर्क +919728398500

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