बहुत कठिन है वास्‍तविक होना

बहुत कठिन है वास्‍तविक होना बहुत कठिन हैवास्‍तविक होनाकठिन ही नहींअसंभव हैवास्‍तविक होनावास्‍तविक हमया तो बचपन में होते हैंया अपने जीवनसाथीके पास होते हैंअसल मेंजीवनसाथी के पास भीवास्‍तविक होने मेंबहुत से पहलूरह जाते हैंअपने बच्चोंव माता-पिता के समक्षपूरी तरह सेबनावटी हो जाते हैंएक आदर्श काआडम्‍बरपूर्वकओड लेते हैं आवरणहो जाते हैंवास्‍तविकता सेबहुत दूरहमारे मन-मस्‍तिष्‍क मेंचल रहे … Read more

कवि होना नहीं है साधारण

कवि होना नहीं है साधारण   नहीं है साधारण कवि होनानहीं है साधारणअपेक्षित हैं उसमेंअसाधारण विशेषताएंमात्र कवि होना हीबहुत बड़ी बात हैलेकिन फिर भीआत्मश्लाघा के मारेलगते हैं नवाजनेखुद को हीराष्ट्रीय कविवरिष्ठ साहित्यकार केखिताबों सेनाम के आगे-पीछेलगा लेते हैंऐसे उपनामजिन पर स्वयंनहीं उतरते खरेसम्मानित होने वकरने का कारोबारले जाता हैपतन के रसातल मेंउनसे जनकल्याण केसृजन कीअपेक्षा … Read more

माधुरी डड़सेना के हाइकु

हाइकु

माधुरी डड़सेना के हाइकु 1मौसमी ज्वर-फंदे में झूल रहेप्रेमी युगल 2जलतरंग-सर्प के मुख आतीटर्र ध्वनि 3तांडव नृत्य-घर में तैर रहेसारा सामान 4फटा बादल-घर मे दुबका हैमगरमच्छ 5व्यस्त सड़के-बैठे हैं सड़क मेंभैसों का झुंड 6उत्तराषाढा-अरबी में चमकेपानी की बूंदे 7 पहली वर्षा-नाग जोड़े करतेप्रणय लीला 8 मावस रात-बूढ़ी गाय झेलतीमक्खियाँ दँश 9 गुड्डी का फोटो-चौराहे में … Read more

अनुच्छेद 47

अनुच्छेद 47 अनुच्छेद संतालिस पढ़,                  भारतीय   संविधान|नशा नियंत्रण सत्ता करे,                  कर  रहा है बखान||कर रहा है बखान,                इसे   लागू  करवाओ|नशों से कर के मुक्त,             धरती को स्वर्ग … Read more

भीमराव अम्बेडकर पर दोहे

dr bhimrao ambedkar

भीमराव रामजी आम्बेडकर (14 अप्रैल, 1891 – 6 दिसंबर, 1956), डॉ॰ बाबासाहब आम्बेडकर नाम से लोकप्रिय, भारतीय बहुज्ञ, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, और समाजसुधारक थे।[1] उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था। श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन भी किया था। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मन्त्री, भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे। भीमराव अम्बेडकर पर दोहे … Read more