मनीभाई नवरत्न

मनीभाई नवरत्न

यह काव्य रचना छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के बसना ब्लाक क्षेत्र के मनीभाई नवरत्न द्वारा रचित है। अभी आप कई ब्लॉग पर लेखन कर रहे हैं। आप कविता बहार के संस्थापक और संचालक भी है । अभी आप कविता बहार पब्लिकेशन में संपादन और पृष्ठीय साजसज्जा का दायित्व भी निभा रहे हैं । हाइकु मञ्जूषा, हाइकु की सुगंध ,छत्तीसगढ़ सम्पूर्ण दर्शन , चारू चिन्मय चोका आदि पुस्तकों में रचना प्रकाशित हो चुकी हैं।

ये प्लास्टिक अमर है(ye plastic amar hai)

ये प्लास्टिक अमर है(ye plastic amar hai) ये प्लास्टिक अमर है धरा के लिये जहर है। बन रहा है अब खतरा ,प्रकृति पर ये कहर है। करता है जल प्रदुषितजल रसायन उत्सर्जितहोता है बड़ा जहरीलाअब उत्पादन हो वर्जित जब पेट्रोलियम…

भाई के कलाई में बांधने को प्यार से रक्षाबंधन (RAKSHYABANDHAN PAR KAVITA)

रक्षा बन्धन एक महत्वपूर्ण पर्व है। श्रावण पूर्णिमा के दिन बहनें अपने भाइयों को रक्षा सूत्र बांधती हैं। यह ‘रक्षासूत्र’ मात्र धागे का एक टुकड़ा नहीं होता है, बल्कि इसकी महिमा अपरम्पार होती है। कहा जाता है कि एक बार…