मनीभाई नवरत्न

मनीभाई नवरत्न

यह काव्य रचना छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के बसना ब्लाक क्षेत्र के मनीभाई नवरत्न द्वारा रचित है। अभी आप कई ब्लॉग पर लेखन कर रहे हैं। आप कविता बहार के संस्थापक और संचालक भी है । अभी आप कविता बहार पब्लिकेशन में संपादन और पृष्ठीय साजसज्जा का दायित्व भी निभा रहे हैं । हाइकु मञ्जूषा, हाइकु की सुगंध ,छत्तीसगढ़ सम्पूर्ण दर्शन , चारू चिन्मय चोका आदि पुस्तकों में रचना प्रकाशित हो चुकी हैं।

स्कूल पर कविता

स्कूल पर कविता चलो ऐसी शाला का निर्माण करेंजिसका प्रकाश सबको आलोकित करें।इस संस्था का सदस्य बन करहम स्वयं भी गौरवान्वित करें ।जहां गुरु शिष्य का नातापिता-पुत्र से आंका जाए ।जहां हरेक बालों मेंबहन का रूप झांका जाए ।पर सगुणों…

जीवन विद्या पर कविता

जीवन विद्या पर कविता जीवन रूपी विद्या, होती है सबसे अनमोल ।जानके ये विद्या, तू जीवन के हर भेद खोल।। आया कैसे इस दुनिया में , समझ तू कौन है?इस प्रश्नों के उलझन में, “मनी “क्यों मौन है ?समझ कर…

मैं तेरा बीज – पिता पर विशेष

मैं तेरा बीज – पिता पर विशेष मैं तेरा बीज – पिता पर विशेषहे पिता!मैं तेरा बीज हूँ।माँ की कोख मेंजो अंकुरित हुया ।जब-जब भुख लगी माँ,तेरे धरा का रसपान किया।गोदी में बेल की भांतिलिपटा और भरपूर जीया। तेरे खाद-पानी…

देख रहा हूँ कल – मनीभाई नवरत्न

देख रहा हूँ कल सोते हुए जो “कल” को मैंने देखा था।वह महज सपना था ।आज इस पल फिर सेदेख रहा हूं “कल” मैं जागते हुए ।हां !यही अपना रहेगा।इस पल साथ हैं मेरे तीन दोस्त“जोश जुनून और जवानी “।और…

छत्तीसगढ़ी गीत : हमर देश के हमर राज

छत्तीसगढ़ी गीत : हमर देश के हमर राज हमर देश के हमर राज ,रखबो जेकर लाज गा।दीदी भई जम्मो रे संगी, करथे जेकर बर नाज गा।चिरई चिरकुन हामन जइसे,रिकिम-रिकिम के रंग बोली।बागे बगीचा मा जइसे ,करत राथे हंसी ठिठोली ।हमर…