Category हिंदी कविता

शरणार्थियों का सम्मान

शरणार्थियों का सम्मान होकर मजबूर वो घर- द्वार छोड़ गए, पुराने सुरमई यादों से अपना मुँह मोड़ गए। दहशतगर्दों के साजिश से होकर नाकाम, फिरते इधर- उधर लोग यूं ही करते इनको बदनाम। उम्मीद भरी नैनो से जो देखा सपना,…

नभ में छाए काले मेघ

नभ में छाए काले मेघ नभ में छाए काले मेघ.झूमती धरती इसको देख.बिन नीर प्यासी धरा पर,मेघ लाते आशाएं अनेक। खेत लहराए अपनी आँचल,बागों में आ जाती नई जान.रंग-बिरंगी कोमल पुष्पों से,छा जाती लबों में मुस्कान. हरियाली और खुशहाली,अब सुखहाली…

holi

होली पर्व -कुण्डलियाँ

होली पर्व पर कुण्डलियाँ ( Holi par Kundaliya) का संकलन हिंदी में रचना आपके समक्ष पेश है . होली रंगों का तथा हँसी-खुशी का त्योहार है। यह भारत का एक प्रमुख और प्रसिद्ध त्योहार है, जो आज विश्वभर में मनाया…

जिंदगी पर कविता

जिंदगी पर कविता ज़िंदगी,क्यों ज़िंदगी से थक रही है,साँस पर जो दौड़ती अब तक रही है। मंज़िलें गुम और ये अंजान राहें,कामयाबी चाह की नाहक रही है । भूख भोली है कहाँ वो जानती है!रोटियाँ गीली, उमर ही पक रही…

मिल्खा सिंह राठौड़ पर कविता

मिल्खा सिंह राठौड़ पर कविता उड़न सिक्ख मिल्खा सिंह जी, इक राजपूत राठौड़ भए।दौड़ दौड़ कर दुनियां में, दिल से दिल को जोड़ गए।। वो उस भारत में जन्मे थे, जो आज पाक का हिस्सा है।कहूं विभाजन की क्या मैं,…

धर्म पर कविता- रेखराम साहू

धर्म पर कविता- रेखराम साहू धर्म जीवन का सहज आधार मानो,धारता है यह सकल संसार मानो। लक्ष्य जीवन का रहे शिव सत्य सुंदर,धर्म का इस सूत्र को ही सार मानो। देह,मन,का आत्म से संबंध सम्यक्,धर्म को उनका उचित व्यवहार मानो।…

अब नहीं सजाऊंगा मेला

अब नहीं सजाऊंगा मेला अक्सर खुद कोसाबित करने के लिएहोना पड़ता है सामने . मुलजिम की भांति दलील पर दलील देनी पड़ती है . फिर भी सामने खड़ा व्यक्तिवही सुनता है ,जो वह सुनना चाहता है .हम उसके अभेद कानों…

जीवन एक संगीत है-आभा सिंह

जीवन एक संगीत है-आभा सिंह जीवन एक संगीत है इसको गुनगुनाइए लाखों उलझनें हो मगर हँसकर सुलझाइए कमल कीचड़ में भी रहकर अपनी सुन्दरता ना खोतागुलाब काँटों में भी रहकर मुस्कुराना ना भूलतादामन से काँटे चुन-चुनकर जीवन को सफल बनाइएजीवन…

मुखौटा पर कविता

मुखौटा पर कविता हां!मैं मुखौटा।मेरी ओट मेंमुंह जो होता।अंदर से रोकरबाहर हंसाता भी हूं।कभी कभीहोली के हुड़दंग में,बच्चों कोडराता भी हूं।मैंछुपा लेता हूं।मुखड़े की मक्कारियां।आंखों की होश्यारियां।और दिल की उद्गारियां।।दो मुंहे सांपों काएक चेहरामेरा ही तो है।मैं हीसामने वालीनजरों के…

संगीत और जीवन आपस में हैं जुड़ें

संगीत और जीवन आपस में हैं जुड़ें कभी सुनो धड़कन की आवाज।कभी सांसों में ,वो बजता साजजीवन संगीत की मधुर आवाज। कभी अधरों पर आई हंसी हो।कभी बोली मैं आई मिठास हो।सब जीवन संगीत का मधुर राग। कभी शिशु की…