देख रहा हूँ कल – मनीभाई नवरत्न
देख रहा हूँ कल सोते हुए जो “कल” को मैंने देखा था।वह महज सपना था ।आज इस पल फिर सेदेख रहा हूं “कल” मैं जागते हुए ।हां !यही अपना रहेगा।इस पल साथ हैं मेरे तीन दोस्त“जोश जुनून और जवानी “।और…
देख रहा हूँ कल सोते हुए जो “कल” को मैंने देखा था।वह महज सपना था ।आज इस पल फिर सेदेख रहा हूं “कल” मैं जागते हुए ।हां !यही अपना रहेगा।इस पल साथ हैं मेरे तीन दोस्त“जोश जुनून और जवानी “।और…
छत्तीसगढ़ी गीत : हमर देश के हमर राज हमर देश के हमर राज ,रखबो जेकर लाज गा।दीदी भई जम्मो रे संगी, करथे जेकर बर नाज गा।चिरई चिरकुन हामन जइसे,रिकिम-रिकिम के रंग बोली।बागे बगीचा मा जइसे ,करत राथे हंसी ठिठोली ।हमर…
जब मैं तनहा रहता हूँ जब मैं तनहा रहता हूँ।खुद से बातें करता हूँ ।सुख की,दुख की ।छांव की, धुप की ।गलतियों पर सीख लेता हूँ ।कसम खाता हूँ आगे से,इन्हें ना दुहराने की ।जीत पर बधाई देता हूँ ।उत्साह…
महर्षि वेद व्यासजी का जन्म आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को ही हुआ था, इसलिए भारत के सब लोग इस पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाते हैं। जैसे ज्ञान सागर के रचयिता व्यास जी जैसे विद्वान् और ज्ञानी कहाँ मिलते…
धनवन्तरि भगवान ====================मंथन हुआ समुद्र का, धनवन्तरि भगवान। चौदह रत्नों मे मिले, लिए देव पहचान।। कर मे अमृत कलश था , देव -दनुज मे छोभ। पीने का नहि संवरण, कर पाये वे लोभ।।विश्व मोहिनी हाथ से, अमृत गया परोस। सुर…
गणपति को विघ्ननाशक, बुद्धिदाता माना जाता है। कोई भी कार्य ठीक ढंग से सम्पन्न करने के लिए उसके प्रारम्भ में गणपति का पूजन किया जाता है। भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का दिन “गणेश चतुर्थी” के नाम से…
डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने गुरु की गरिमा को तब शीर्षस्थ स्थान सौंपा जब वे भारत जैसे महान् राष्ट्र के राष्ट्रपति बने। उनका जन्म दिवस ही शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। “शिक्षक दिवस मनाने का यही…
हिम्मत रख मल्लाह तूफानों के बीच में बनकर नन्हा दीप , तूफानों से लड़ रहा ।निश्चित जीत महीप , कृपा दृष्टि प्रभु आपकी ।। सफर नहीं आसान , साथी बढते ही चलो ।बहुत बड़ा तूफान , लहरों के कारण कई…
विरोधाभासपूर्ण कविता आर आर साहू, छत्तीसगढ़ हो न यदि संवेदना पर पीर की,मोल क्या जानोगे श्री रघुवीर की! दुष्ट दुर्योधन दुशासन हैं जहाँ,दुर्दशा है द्रौपदी के चीर की। सत्य को सूली लगाकर आज वो,छद्म पूजा कर रहे तस्वीर की। रौशनी…
आदमी पर उपर लिखी गयी कविता सोरठा छंद में