Category हिंदी कविता

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भीमराव आंबेडकर पर कविता / Poem on BR Ambedkar in hindi

भीमराव रामजी आम्बेडकर (14 अप्रैल, 1891 – 6 दिसंबर, 1956), डॉ॰ बाबासाहब आम्बेडकर नाम से लोकप्रिय, भारतीय बहुज्ञ, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, और समाजसुधारक थे।[1] उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था। श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन भी किया था। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं…

खीर पर कविता

खीर पर कविता मम्मी मम्मी खीर बना दोचम्मच चम्मच खाएँगे एक कटोरी मुझको देनाएक कटोरी मुन्नी कोथोड़ी सी उसको भी देनाखाला की उस चुन्नी को गरम गरम जो निकले पूड़ीपल में चट कर जाएँगेमम्मी मम्मी खीर बना दोचम्मच चम्मच खाएँगे…

राजकिशोर धिरही के गजल

राजकिशोर धिरही के गजल कमाई पाप की हो वो खजाना छोड़ दो अब सेमिलाकर दूध में पानी कमाना छोड़ दो अब से भरोसा जिंदगी का ख़ौफ़ में आकर रहें कब तकमुहब्बत है तुम्हीं से बस सताना छोड़ दो अब से…

प्यासा पंछी पर कविता-प्रेमचन्द साव

प्यासा पंछी पर कविता मन है उदास भटकता फिरे ।जैसे प्यासा पंछी उड़ता फिरे ।मन को ना कोई बांध सके। तो खुले आकाश की खोज करे ।मन की उड़ान खुशियों की पुकार करे ।जैसे प्यासा पंछी उड़ता फिरे । फूलों…

शंकर पर कविता

प्रस्तुत कविता शंकर पर कविता आधारित है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।

beti

बेटियों पर कविता

बेटियों पर कविता बेटियों से ही घर में आती खुशियाँ अपार।बेटियों के बिन अधुरा घर संसार।।गृहस्थ कार्यों में वह हाथ बटायें।सभी काज को मंगल कर जाये।।बिन बेटियों के जीवन न आगे बढ़ पाये।अपनों के साथ मिलकर रहना हमें सिखलाये।।घर में…

माँ शारदे पर कविता

माँ शारदे पर कविता सृजनता का आधार दे।मुझको ऐसा ज्ञान दे । अंधकार को दूर मिटा के।ज्ञान का प्रकाश दे । नमन् करूँ मै माँ शारदे को ।मुझको नित ही ज्ञान मिले ।ज्ञान,विद्या,संगीत, कला । अधिष्ठात्री देवी का वर मिले।वीणा,पुस्तक,माला…

mahatma gandhi

गांधी जी के सपनों पर कविता

गांधी जी के सपनों पर कविता गांधीजी के सपनों का है ये भारत,उन्नत होकर विकसित होता ये भारत।ग्रामीण परिवेश में जागरूकता बढ़ाया,स्वदेशी अपनाकर अभियान चलाया।। आर्थिक सामाजिक न्याय बताकर,गाँव के विकास को समझाया।व्यापकता की दृष्टि फैलाकर,जाति,धर्म,भाषा के भेदभाव को मिटाया।।…

वाह रे कोरोना से हालत पर कविता

कोरोना से हालत पर कविता वाह रे , कोरोना ! तूने तो गजब कर डाला ,छोटी सोच और अहंकार को ,तूने चूर-चूर कर डाला ।।वाह रे , कोरोना ! …… पैसो से खरीदने चले थे दुनिया ,ऐसे नामचीन पड़े है…

मौत की खबर पर कविता

मौत की खबर पर कविता यूं ही मै गरल पीता रहा,चारदीवारी में गुनता रहा।नजर बंद हो अपने घर में,मौत खबर सब सुनता रहा। अपनों से अपने भी दूर हैं,काँधा भी नहीं मजबूर हैं।दूना कर गए ओ जगत को,अस्थियां उनके चुनता…