Category हिंदी कविता

तुझे कुछ और भी दूँ !/ रामअवतार त्यागी

तुझे कुछ और भी दूँ !/ रामअवतार त्यागी तन समपित, मन समर्पित और यह जीवन समर्पित चाहता हूँ, देश की धरती तुझे कुछ और भी दूँ! माँ ! तुम्हारा ऋण बहुत है, मैं अकिंचन किंतु इतना कर रहा फिर भी…

shivmangal singh 'suman '

बज उठी रण-भेरी / शिवमंगलसिंह ‘सुमन’

बज उठी रण-भेरी / शिवमंगलसिंह ‘सुमन’ मां कब से खड़ी पुकार रही, पुत्रों, निज कर में शस्त्र गहो । सेनापति की आवाज हुई, तैयार रहो, तैयार रहो। आओ तुम भी दो आज बिदा, अब क्या अड़चन, अब क्या देरी ?…

सबकी प्यारी भूमि हमारी / कमला प्रसाद द्विवेदी

सबकी प्यारी भूमि हमारी / कमला प्रसाद द्विवेदी सबकी प्यारी भूमि हमारी, धनी और कंगाल की। जिस धरती पर गई बिखेरी, राख जवाहरलाल की ।। दबी नहीं वह क्रांति हमारी, बुझी नहीं चिनगारी है। आज शहीदों की समाधि वह, फिर…

bhawani prasad tivari

जीत मरण को वीर / भवानी प्रसाद तिवारी

जीत मरण को वीर / भवानी प्रसाद तिवारी जीत मरण को वीर, राष्ट्र को जीवन दान करो, समर-खेत के बीच अभय हो मंगल-गान करो। भारत-माँ के मुकुट छीनने आया दस्यु विदेशी, ब्रह्मपुत्र के तीर पछाड़ो, उघड़ जाए छल वेशी। जन्मसिद्ध…

atal bihari bajpei

आज सिंधु में ज्वार उठा है / अटल बिहारी वाजपेयी

“अटल बिहारी वाजपेयी की प्रसिद्ध कविता ‘आज सिंधु में ज्वार उठा है’ में राष्ट्रीयता, साहस और भारतीय संस्कृति की महत्ता को दर्शाया गया है। यह कविता हमें प्रेरित करती है कि हम अपने देश की अखंडता और गरिमा के लिए…

मर्द का दर्द / डॉ विजय कुमार कन्नौजे

मर्द का दर्द / डॉ विजय कुमार कन्नौजे नारी बिना ना मर्द हैंमर्द का एक दर्द है।एक अनजाने कन्या लाकरपालने पोसने का कर्ज है। सिर झुका विनती नार कोहाथ जोड़ अर्ज है।जन्म दाता माता पिता का जिंदगी भरे कर्ज है।…

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चेहरे पे कई चेहरे / राजकुमार मसखरे

चेहरे पे कई चेहरे / राजकुमार मसखरे चेहरे पे लगे हैं कई चेहरेइन्हें पढ़ना आसान नही,जो दिखती है मुस्कुराहटेंवो नजरें हैं दूर और कहीं ! इतने सीधे-सादे लगते हैंजो मुखौटा लगाए बैठे हैं,ये निर्बलों व असहायों केजज़्बातों के गला ऐठें…

Jai Sri Ram kavitabahar

रामजी विराजेंगे / रमेश कुमार सोनी

रामजी विराजेंगे / रमेश कुमार सोनी रामजी आए हैं संग ख़ुशियाँ लाए हैं सज-धज चमक रही हैं गलियाँपलक-पाँवड़े बिछे हैं सबकेरंगोलियाँ लगी दमकने हो गए हैं सबके वारे-न्यारे जन्मों के सोये भाग लगे मुस्काने। अभागे चीखते रहेये बनाओ,वो बनाओ-बनेगा वही…

Hindi Poem ( KAVITA BAHAR)

छत्तीसगढ़ में रिश्ता राम के/ विजय कुमार कन्नौजे

छत्तीसगढ़ में रिस्ता राम के / विजय कुमार कन्नौजे छत्तीसगढ़ के मैं रहइयाअड़हा निच्चट नदान।छत्तीसगढ़ में भाॅंचा लामानथन सच्चा भगवान। बहिनी बर घातेच मयामिलथे गजब दुलारदाई के बदला मा बहिनी देथे गा मया भरमार। कौशल्या दीदी बड़ मयारू छत्तीसगढ़ के…