हम जैसे चलते हैं तुम भी चलो ना
हम जैसे चलते हैं , तुम भी चलो ना।हम जैसे रहते हैं , तुम भी रहो ना। । बहती हुई नदियां देखो , कल-कल बहती है ,कल-कल बहती है और , सागर में मिल जाती है। नदिया यह कहती है…
हम जैसे चलते हैं , तुम भी चलो ना।हम जैसे रहते हैं , तुम भी रहो ना। । बहती हुई नदियां देखो , कल-कल बहती है ,कल-कल बहती है और , सागर में मिल जाती है। नदिया यह कहती है…
शरद पूर्णिमा पर कुंडलिया छंद 1—- उज्ज्वल- उज्ज्वल है धरा,चंद्र -किरण बरसात । चाँद गगन से झाँकता ,रूप मनोहर गात।। रूप मनोहर गात ,रजत सम बहती धारा। लिए शरद सौगात ,चंद्र का रूप निखारा।। कहे सुधा सुन मीत , प्रीत…
शाकाहारी भोजन यह भोजन जो तुमने खाया है। क्यों किसी निरीह पशु को तड़पाया है? क्या उसके दर्द भी बढ़कर थी भूख तुम्हारी।जिव्ह्या का स्वाद क्या उसके जीवन से ज्यादा अनमोल था? उन्हें प्लेट में सजा कर खाते हुए क्या…
शाकाहार लेना हमेशा शाकाहारना करना मांसाहारपास न आये आजारयही हे बस उपहार शुद्ध पकवान सेमन भी स्वच्छ रहेक्रोध न ज्यादा आयेजो शाकाहार करें क्या खाये कब खायेयह न कोई समजायेकरें जो आदरतिथ्यतुम शाकाहार हि पथ्य कसम खाकर कुछ ऐसीआज से…
शाकाहार सर्वोत्तम आहार शाकाहारी आहार ही है सर्वोत्तम आहार जो स्वस्थ रखता मानव तन और हटाए मन का भार कौली कौली हरी भरी लौकी और लंबा कांटेदार कड़वा करेलारस इनका हटाता मानव शरीर से रोगों का झमेला हरी हरी पालक…
शाकाहार से वास्ता स्वाद का नहीं सवाल स्वास्थ्य का है बवालशाकाहार देता मनुष्य को लंबा जीवन कालबनो सिर्फ शाकाहार के दलालखुशी से खाइए रोटी-दालबनेगा जिंदगी में एक खूबसूरत जाल मत बनो अब इतने अंग्रेजमांसाहार से करो परहेजशादी में दीजिए सिर्फ…
शाकाहार सर्वोत्तम शाक कंद मूल जब सृष्टि ने दियातो क्यों किसी को काट के खाएंश्रेष्ठ गुणों से भरे ये शाक कंद औषधियों के काम में भी आए।। शाकाहारी बन शाकाहार खा मानवसर्वोच्च श्रेणी मे तब तू आएप्रच्चुर मात्रा में शाक…
यहां पर हम आपको शाकाहार पर आधारित कुछ नारे दिए गए हैं
शाकाहार सर्वोत्तम आहार तीर्थंकर के वर्तमान प्रतिनिधि,देते जग को अणुव्रतों का संदेश।मांसाहार को त्याग कर इंसान,शाकाहार अपनाए विश्व के देश।। किसी धर्म सम्प्रदाय ग्रंथ में नहीं,मिलता हिंसा को तनिक भी स्थान।फिर क्यों भोजन की थाली में,पिरोसा जाता मांसाहारी पकवान।। मांसाहार…
करें न तामसिक आहार /सुमा मण्डल हम मनुष्य हैं ,कोई दैत्य – दानव नहीं,क्यों दैत्यों – दानवों के पग पर पग धरते हैं?मनुष्य होकर क्यों दैत्य- दानवों सा कृत्य करते हैं?क्यों शुद्ध सात्विक आहार को छोड़कर,तामसिक आहार पे हम टूट…