13 अप्रैल जलियाँवाला बाग की वेदी पर कविता

जलियाँवाला बाग की वेदी पर कविता नहीं लिया हथियार हाथ में ● माखनलाल चतुर्वेदी नहीं लिया हथियार हाथ में, नहीं किया कोई प्रतिकार, ‘अत्याचार न होने देंगे’, बस इतनी ही थी मनुहार । सत्याग्रह के सैनिक थे ये सब सहकर रहकर उपवास, वास बंदियों में स्वीकृत था, हृदय-देश पर था विश्वास । मुरझा तन था, … Read more

7 अप्रैल स्वास्थ्य दिवस पर कविता

उन आदतों को o आचार्य मायाराम ‘पतंग’ बिस्तरों को छोड़ दो, सुबह की नींद तोड़ दो। जिनसे स्वास्थ्य नष्ट हो, उन आदतों को छोड़ दो । सूर्य के उदय से पूर्व, सैर करने जाइए। शौच से निपट के, दाँत साफ करके आइए ॥ इससे पहले चाय-नाश्ते की बात छोड़ दो। जिनसे स्वास्थ्य…. सैर ही नहीं … Read more

8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर कविता

Women_Empowerment

1857 में 8 मार्च को न्यूयॉर्क में कपड़ा मिलों की कामकाजी महिलाओं ने अधिक वेतन व काम के घण्टे 15-16 से घटाकर 10 घण्टे करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। चुकीं यह विश्व की महिलाओं का यह प्रथम प्रदर्शन था, इस लिए इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रुक में मनाया जाता है … Read more

23 दिसम्बर किसान दिवस पर कविता

तुझे कुछ और भी दूँ ! ● रामअवतार त्यागी तन समर्पित, मन समर्पित और यह जीवन समर्पित चाहता हूँ, देश की धरती तुझे कुछ और भी दूँ! माँ ! तुम्हारा ऋण बहुत है, मैं अकिंचन किंतु इतना कर रहा फिर भी निवेदन, थाल में लाऊँ सजाकर भाल जब स्वीकार कर लेना दयाकर वह समर्पण! गान … Read more

16 दिसम्बर कारगिल विजय दिवस पर कविता

जीत मरण को वीर ● भवानी प्रसाद तिवारी जीत मरण को वीर, राष्ट्र को जीवन दान करो, समर-खेत के बीच अभय हो मंगल-गान करो। भारत माँ के मुकुट छीनने आया दस्यु विदेशी, ब्रह्मपुत्र के तीर पछाड़ो, उघड़ जाए छल वेशी। जन्मसिद्ध अधिकार बचाओ, सह-अभियान करो, समर खेत के बीच, अभय हो, मंगल-गान करो। क्या विवाद … Read more