Category: दिन विशेष कविता

  • 15 मई विश्व परिवार दिवस पर लेख

    15 मई विश्व परिवार दिवस पर लेख पढ़ने से पहले आप इस विषय पर अब तक कविता बहार में संग्रहित रचनाएँ पढ़िए :-

    अब तक प्रकाशित रचनाएँ ( लोकप्रियता के आधार पर )

    विश्व परिवार दिवस 15 मई को मनाया जाता है। प्राणी जगत में परिवार सबसे छोटी इकाई है या फिर इस समाज में भी परिवार सबसे छोटी इकाई है। यह सामाजिक संगठन की मौलिक इकाई है। परिवार के अभाव में मानव समाज के संचालन की कल्पना भी दुष्कर है। प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी परिवार का सदस्य रहा है या फिर है। उससे अलग होकर उसके अस्तित्व को सोचा नहीं जा सकता है।

    हमारी संस्कृति और सभ्यता कितने ही परिवर्तनों को स्वीकार करके अपने को परिष्कृत कर ले, लेकिन परिवार संस्था के अस्तित्व पर कोई भी आंच नहीं आई। वह बने और बन कर भले टूटे हों लेकिन उनके अस्तित्व को नकारा नहीं जा सकता है। उसके स्वरूप में परिवर्तन आया और उसके मूल्यों में परिवर्तन हुआ लेकिन उसके अस्तित्व पर प्रश्नचिह्न नहीं लगाया जा सकता है। 

    परिवार
    १५-मई-विश्व-परिवार-दिवस || 15-May-World-Family-Day

    परिवार का स्वरूप

    परिवार व्यक्तियों का वह समूह होता है,  जो विवाह और रक्त सम्बन्धों से जुड़ा होता है जिसमें बच्चों का पालन पोषण होता है ।  परिवार एक  स्थायी और  सार्वभौमिक संस्था है।  किन्तु इसका स्वरूप  अलग अलग स्थानों पर भिन्न हो सकता है । 

    पश्चिमी देशों में अधिकांश नाभिकीय  परिवार पाये जाते  हैं । नाभिकीय परिवार वे परिवार होते हैं जिनमें माता-पिता और उनके बच्चे रहते हैं । इन्हें एकाकी परिवार भी कहते हैं। जबकि भारत जैसे देश में सयुंक्त और विस्तृत परिवार की प्रधानता होती  है । संयुक्त परिवार वह परिवार है जिसमें माता पिता और बच्चों के साथ दादा दादी भी रहतें हैं । यदि इनके साथ चाचा चाची ताऊ या अन्य सदस्य भी रहते हैं तो इसे विस्तृत परिवार कहते हैं ।  वर्तमान में ऐसे परिवार बहुत कम देखने को मिलते हैं । व्यापरी वर्ग में विस्तृत परिवार अभी भी मिलते हैं ।  क्योंकि उन्हें व्यापार के लिये मानव शक्ति की आवश्यकता होती है ।परिवार के बिना समाज की कल्पना नहीं की जा सकती ।

    व्यक्ति के जीवन में परिवार की भूमिका

    एक बच्चे के रूप में हमें जन्म देने के बाद परिवार में उपस्थित माता-पिता हमारा पालन पोषण करते हैं। ब्रश करने तथा जूते का फीता बाँधने से लेकर पढ़ा-लिखा कर समाज का एक शिक्षित वयस्क बनाते हैं। भाई-बहन के रूप में घर में ही हमें दोस्त मिल जाते हैं, जिनसे अकारण हमारी अनेक लड़ाई होती है। भावनात्मक सहारा और सुरक्षा भाई-बहन से बेहतर और कोई नहीं दे सकता है। घर के बड़े-बुजुर्ग के रूप में दादा-दादी, नाना-नानी बच्चे पर सर्वाधिक प्रेम न्यौछावर करते हैं।

    कटु है पर सत्य है, व्यक्ति पर परिवार का साया न होने पर व्यक्ति अनाथ कहलाता है। इसलिए समृद्ध या गरीब परिवार का होना आवश्यक नहीं पर व्यक्ति के जीवन में परिवार का होना अतिआवश्यक है।

    परिवार और हमारे मध्य दूरी के कारण

    • परिवार की अपेक्षाएं – हमारे किशोरावस्था में पहुंचने पर जहां हमें लगने लगता है हम बड़े हो गए हैं वहीं परिवार की कुछ अपेक्षाएं भी हम से जुड़ जाती हैं। ज़रूरी नहीं हम उन अपेक्षाओं पर खरे उतर पाए अंततः रिस्तों में खटास आ जाती है।
    • हमारा बदलता स्वरूप – किशोरावस्था में पहुंचने पर बाहरी दुनिया के प्रभाव में आकर हम स्वयं में अनेक परिवर्तन करना चाहते हैं, जैसे की अनेक दोस्त बनाना, प्रचलन में चल रहे कपड़े पहनना, परिस्थिति को अपने तरीके से हल करना आदि। इस सब तथ्यों पर हमारा परिवार हमारे साथ सख्ती से पेश आता है ऐसे में हमारी न समझी के कारण कई बार रिस्तों में दरार आ जाते हैं। यहां एक दूसरे को समझने की ज़रूरत है।
    • विचारधारा में असमानता – अलग पीढ़ी से संबंधित होने के वजह से हमारे विचार और हमारे परिवार जनों के विचारधारा में बहुत अधिक असमानता होती है। जिसके वजह से परिवार में क्लेश हो सकता है।

    परिवार महत्वपूर्ण क्यों है?

    • व्यक्ति के व्यक्तित्व का पूर्ण निर्माण परिवार द्वारा होता है इसलिए सदैव समाज व्यक्ति के आचरण को देखकर उसके परिवार की प्रशंसा या अवहेलना करता है।
    • व्यक्ति के गुणों में जन्म से पूर्व ही उसके परिवार के कुछ अनुवांशिक गुण उसमें विद्यमान रहते हैं।
    • व्यक्ति की हर परेशानी (आर्थिक, समाजिक, निजी) परिवार के सहयोग से आसानी से हल हो सकती है।
    • मतलबी दुनिया में जहां किसी का कोई नहीं होता वहां हम परिवार के सदस्यों पर आख बंद कर के विश्वास कर सकते हैं।
    • परिवार व्यक्ति को मजबूत रूप से भावनात्मक सहारा प्रदान करता है।
    • जीवन में सब कुछ प्राप्त कर पाने की काबिलियत हमें, परिवार द्वारा प्रदान की जाती है।
    • परिवार के सही मार्ग दर्शन से व्यक्ति सफलता के उच्च शिखर को प्राप्त करता है इसके विपरीत गलत मार्ग दर्शन में व्यक्ति अपने पथ से भटक जाता है।
    • हमारे जीत पर हमारी सराहना तथा हार पर संतावना परिवार से मिलने पर हमारा आत्मविश्वास बढ़ जाता है। यह हमारे भविष्य के लिए कारगर साबित होता है।

    परिवार के प्रति हमारा दायित्व

    परिवार से प्राप्त प्यार और हमारे प्रति उनका निस्वार्थ समर्पण हमें उनका सदैव के लिए ऋणी बनाता है। अतः हमारा, हमारे परिवार के प्रति भी विशेष कर्तव्य बनता है।

    • बच्चों को सदैव अपने से बड़ों की आज्ञा का पालन करना चाहिए और स्वयं की बात समझाने का प्रयास करना चाहिए। किसी बात के लिए हठ करना उचित नहीं।
    • परिवार के इच्छाओं और अपेक्षाओं पर सदैव खरा उतरने का प्रयास करना चाहिए।
    • बच्चों और परिवार के मध्य कितना भी अनबन हो बच्चों को परिवार से दूर कभी नहीं होना चाहिए।
    • जिस बातों पर परिवार सहमत नहीं हैं, उन बातों पर पुनः विचार करना चाहिए और स्वयं समझने का प्रयास करना चाहिए।

    निष्कर्ष

    समाज में हमारे पिता के नाम के साथ हमें पहचान दिलाने से लेकर हमारे पिता को हमारे नाम से जानने तक, परिवार हमें हर प्रकार से सहयोग प्रदान करता है। परिवार के अभाव में हमारा कोई अस्तित्व नहीं है अतः हमें परिवार के महत्व को समझने की चेष्टा करनी चाहिए।

  • कविता की पौष्टिकता –

    विश्व कविता दिवस प्रतिवर्ष २१ मार्च को मनाया जाता है। यूनेस्को ने इस दिन को विश्व कविता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा वर्ष 1999 में की थी जिसका उद्देश्य को कवियों और कविता की सृजनात्मक महिमा को सम्मान देने के लिए था।

    कविता संग्रह
    कविता संग्रह

    कविता की पौष्टिकता – 19.04.21


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    खाना बनाना बड़ा कठिन काम होता है
    खाना बनाने के वक्त बहुत सारी बातों का ध्यान रखना पड़ता है एक साथ

    कितने चावल में कितना पानी डालना है
    कौन कौन से मसाले कब कब डालना है
    चूल्हे में मध्यम, कम या तेज़ आँच कब कब करना है
    कुकर में बज रहे सीटी का अर्थ कब क्या समझना है
    ऐसे ही बहुत सारे सवाल खड़े होते रहते हैं

    आप लगातार कोशिश करके इतना ठीकठाक खाना बना ही सकते हैं कि खुद खा सको

    सतर्कता न होने या लगन की कमी होने पर
    बर्तन के नीचे से कई कई बार भात चिपक जाता है
    कई कई बार जल जाती है सब्ज़ी या दाल

    किसी ख़ास ट्रेनिंग की मदद से
    आप ला सकते हैं अपने व्यजंनों में विविधता
    और बदल या बढ़ा सकते हैं अपने खाने का ज़ायका

    लाख हुनर होने के बावजूद
    अच्छा खाना बनाने के लिए
    ज़रूरी होता है नियमित अभ्यास

    अक़्सर खाने वालों में हंगामे खड़े हो जाते हैं
    खाने में नमक या मिर्च ज़रूरत से ज़्यादा होने पर

    मुझे लगता है जितना कठिन होता है
    रसोइये के लिए सुस्वादु और पौष्टिक खाना बनाना
    उससे कहीं ज़्यादा कठिन और जोख़िम भरा होता है
    कवि के लिए कविता लिखना

    कठिन होता है कविता में
    चुन चुनकर एक एक शब्दों को रखना
    अर्थों को भावनाओं की आँच पर पकाना
    पकी पुकाई कविता को बड़ी निष्ठा के साथ लोगों को परोसना
    और सबसे कठिन होता है कविता में कविता की पौष्टिकता को बनाए रखना।

    — नरेन्द्र कुमार कुलमित्र
    9755852479

  • कविताओं के ज़रिए – नरेन्द्र कुमार कुलमित्र

    विश्व कविता दिवस प्रतिवर्ष २१ मार्च को मनाया जाता है। यूनेस्को ने इस दिन को विश्व कविता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा वर्ष 1999 में की थी जिसका उद्देश्य को कवियों और कविता की सृजनात्मक महिमा को सम्मान देने के लिए था।

    कविता संग्रह
    कविता संग्रह

    कविताओं के ज़रिए – नरेन्द्र कुमार कुलमित्र

    दुनियाँ में चिड़िया रहे या न रहे
    कविताओं में हमेशा सुरक्षित बची रहेंगी चिड़ियाँ
    पर केवल कविता प्रेमी ही सुन सकेंगे चिड़ियों के गान
    कविताओं के ज़रिए

    दुनियाँ में प्रेम रहे या न रहे
    कविताओं में हमेशा सुरक्षित बचा रहेगा प्रेम
    पर केवल कविता प्रेमी ही समझ सकेंगे प्रेम का मर्म
    कविताओं के ज़रिए

    दुनियाँ में उजास रहे या न रहे
    कविताओं में हमेशा सुरक्षित बचा रहेगा उजास
    पर केवल कविता प्रेमी ही जी सकेंगे उजास भरी जिंदगी
    कविताओं के ज़रिए

    दुनियाँ में सच रहे या न रहे
    कविताओं में हमेशा सुरक्षित बचा रहेगा सच
    पर केवल कविता प्रेमी ही सच को अनावृत कर सकेंगे
    कविताओं के ज़रिए

    दुनियाँ में क्रांति रहे या न रहे
    कविताओं में हमेशा सुरक्षित बची रहेगी क्रांति
    पर केवल कविता प्रेमी ही फिर से ला पाएंगे क्रांति
    कविताओं के ज़रिए

    चिड़ियों का कलरव
    मनुष्यों के लिए प्रेम
    जीने के लिए उजास
    बोलने के लिए सच
    और
    विरोध के लिए क्रांति
    कविताओं में सुरक्षित बची रहेगी हमेशा।

    — नरेन्द्र कुमार कुलमित्र
    9755852479

  • २२ मार्च विश्व जल दिवस – प्रिया शर्मा

    विश्व जल दिवस 22 मार्च को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व के सभी देशों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना है साथ ही जल संरक्षण के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित करना है। विश्व जल दिवस  पर कविता बहार की एक कविता –

    जल पर कविता
    22 मार्च विश्व जल दिवस 22 March World Water Day

    पानी का महत्व

    पानी कहता-पानी कहता, मुझे बचाओ अब मुझे बचाओ,

    बहता पानी यह भी कहता, बेकार ना मुझे बहाओ।

    पानी को यूँ व्यर्थ बहाना, नहीं है अच्छी बात,

    बूँद बूँद से गागर भरती , ये कैसे समझाऊँ आज।

    अपने गिरते स्तर को देखकर, कहता अब ये सलिल,

    पानी को बचाइये , इसका स्तर बढाइये , सब साथ हिलमिल।

    कुछ कीमत में भी मिल जाता हूँ, सोचो कुछ तो अब,

    आगे क्या हो जायेगी कीमत, ये सोचोगे कब।

    पॉलीथिन का उपयोग न करें, न इसे जलाइये ।

    वातावरण प्रदूषण मुक्त रखें, पानी पीने योग्य बनाइये ।

    हरियाली भी नहीं बची तो पानी कहाँ से पाओगे,

    हर व्यक्ति एक वृक्ष लगाए तो जीवन सुखी बनाओगे।

    भारत में ही कुछ प्रतिशत बचा है पीने योग्य पानी,

    समय रहते संभल जाओ, नहीं तो आगामी पीढ़ी को याद आएगी नानी।

    संत रहीम ने भी क्या खूब लिखा –

    रहिमन पानी राखिये “बिन पानी सब सून”

    पानी गए न ऊबरे, मोती, मानुष , चून ।

    -प्रिया शर्मा

  • माँ कामाख्या की कथा

    माँ कामाख्या की कथा

    maa-par-hindi-kavita
    माँ पर कविता


    =================
    माँ कामाख्या की कथा,
    बता रहा है दीन।
    जिसकी सम्पति लुट चुकी,
    तन-मन भी है क्षीन।।
    यही दीन ऋण बोझ से ,
    था संतप्त मलीन।
    सूदखोर प्रति दिन कहे ,
    सूद पटा दे दीन।।
    था गरीब पर आन थी,
    उसकी भी कुछ शेष।
    माँ कामाख्या की करे,
    पूजा नित्य विशेष।।
    साहूकार सुबह-सुबह,
    आया लेने सूद।
    धन तो घर पर था नहीं,
    दी दुख आँखे मूंद ।।
    साहू ने यह कह दिया,
    धन के बदले आज।
    अपनी बेटी दो मुझे ,
    करो नहीं नाराज।।
    माँ कामाख्या दीन की,
    मति से बोलीं बात।
    आज दिवस तोहो गया,
    बीत जान दे रात।।
    कल मन्दिर मे पहुँच कर,
    बेटी का तुम हाथ।
    लेकर अपने हाथ में,
    ले जाना निज साथ।।
    माँ कामाख्या ने किया,
    अद्भुत सा व्यवहार।
    चीलों ने नोचा जहाँ,
    भागा साहूकार।।
    =================
    एन्०पी०विश्वकर्मा रायपुर
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